Himachal: पालमपुर में स्थापित होगा IIT का एक्सटैंशन कैंपस, मानव संसाधन मंत्रालय से मिली स्वीकृति
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 08:00 PM (IST)
पालमपुर (गौरव): हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा और तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आईआईटी मंडी अब पालमपुर में लगभग 52 हैक्टेयर भूमि पर अपना विस्तार परिसर (एक्सटैंशन कैंपस) स्थापित करेगा। भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इसे अंतिम स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। ये घोषणा आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक और गवर्नैंस) गोकुल बुटेल ने पालमपुर में की। गोकुल बुटेल जोकि आईआईटी मंडी कैटालिस्ट (संस्थान के स्टार्टअप इनक्यूबेटर) के निदेशक मंडल में भी कार्यरत हैं, ने बताया कि उन्होंने पालमपुर में आईआईटी का एक्सटैंशन कैंपस स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किए। इसके लिए भगोटला गांव में 22 हैक्टेयर भूमि पहले ही तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत आईआईटी मंडी को पट्टे पर आबंटित कर दी गई है, जबकि अतिरिक्त 31 हैक्टेयर भूमि के लिए केंद्र सरकार से एफसीए मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है।
प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है पालमपुर
गोकुल बुटेल ने बताया कि पालमपुर पहले से ही हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय चौधरी सरवन कुमार और सीएसआईआर-हिमालयन बायोरिसोर्स टैक्नोलॉजी संस्थान जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है। बेहतर कनैक्टीविटी के चलते यह एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। आगामी फोरलेन राजमार्ग के पूरा होने के बाद पठानकोट ब्रॉडगेज रेलवे लाइन की यात्रा 2 घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। इसके अलावा धर्मशाला (गग्गल) हवाई अड्डे के विस्तार से इस क्षेत्र की पहुंच और भी आसान हो जाएगी।
नवाचार और अनुसंधान को मिलेगा बढ़ावा
आईआईटी मंडी का नया एक्सटैंशन कैंपस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन टैक्नोलॉजी, सतत् प्रौद्योगिकी सस्टेनेबल टैक्नोलॉजी और प्रबंधन पाठ्यक्रमों जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करेगा, जिससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ, यह परिसर स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा, जिससे कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल विभिन्न स्तरों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
1600 से 1700 कनाल भूमि पर बनेगा कैंपस
गोकुल बुटेल ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पालमपुर और कांगड़ा को उत्तरी भारत के एक प्रमुख टैक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह क्षेत्र को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेगा। गोकुल ने कहा कि मुख्यमंत्री जिला कांगड़ा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना चाहते हैं जिसके चलते सरकार ने पालमपुर शहर में आईआईटी का विस्तार परिसर खोलने की योजना बनाई है। यह परिसर लगभग 1600 से 1700 कनाल भूमि पर बनेगा। पालमपुर की संपर्क दृष्टि के चलते यह आईआईटी का एक्सटैंशन कैंपस खोलने का फैसला यहां पर लिया गया है। कृषि विश्वविद्यालय का हैलीपैड का टैंडर भी हो गया है। 21 हैक्टेयर भूमि भी इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग को लीज पर दे दी गई है। कैंपस में रोबोटिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन टैक्नोलॉजी, सतत प्रौद्योगिकी और प्रबंधन पाठ्यक्रमों जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रम प्रदान करेगा, जिससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
बजट में हिमाचल को नहीं मिली कोई जगह
प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए गोकुल बुटेल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय बजट के लिए छोटी सी घोषणा तक नहीं हुई जोकि निराशाजनक है। हिमाचल प्रदेश से 7 सांसद लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर प्रदेश का प्रतिनिधित्व दिल्ली में करते हैं तथा उन्हें पार्टी हित से उठकर प्रदेश के लिए विशेष पैकेज की बात करनी चाहिए। लगभग हर सरकार ने अपने बजट में हिमाचल को विशेष जगह दी है और मेरी इन सभी सांसद सदस्यों से अपील है कि वे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री के समक्ष हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग रखें।
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