OROP विसंगतियों को लेकर DC Office के बाहर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व सैनिक
punjabkesari.in Sunday, Jul 02, 2023 - 09:45 PM (IST)

शिमला (जस्टा): राजधानी के जिलाधीश कार्यालय के बाहर रविवार को पूर्व सैनिक सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। वन रैंक वन पैंशन पार्ट-2 की विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिक देशभर में लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं। विसंगतियों को लेकर पिछले करीबन 4 महीने से दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों का धरना-प्रदर्शन जारी है। वन रैंक-वन पैंशन की विसंगतियों के कारण खफा हुए पूर्व सैनिकों ने रविवार को देश भर में सभी जिला मुख्यालय भूख हड़ताल करने का ऐलान किया था ऐलान के बाद हिमाचल प्रदेश में भी सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की गई। इसी कड़ी में शिमला में भी पूर्व सैनिक भूख हड़ताल पर बैठे। पूर्व सैनिकों ने कहा कि वन रैंक वन पैंशन विसंगतियों को लेकर आज देश भर में और हिमाचल प्रदेश में भी सभी जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की जा रही है। मजबूर होकर यहां पर एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
पूर्व सैनिकों को प्रतिवर्ष हो रहा एक लाख रुपए तक का नुक्सान
पूर्व सैनिकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले तो पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पैंशन योजना को कोशियारी कमीशन के मुताबिक असली प्रारूप में नहीं दिया। उसके बाद पूर्व सैनिकों के साथ जो बेइंसाफी हुई वो ये है कि कें द्र सरकार को 2 साल बाद वन रैंक वन पैंशन रिवाइज करना चाहिए था जो केन्द्र सरकार ने नहीं किया। इसको 5 साल बाद केंद्र सरकार ने रिवाइज किया जिसमें ऑनरेरी कैप्टन, जेसीओ और ओ.आर्स की पैंशन कम कर दी गई और इसमें ऑनरेरी कैप्टन और जेसीओ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए उनकी पैंशन बढ़ाने की बजाए कम कर दी गई, जिसमें 2000 से लेकर 6500 रुपए तक कम की गई है और इससे प्रतिवर्ष पूर्व सैनिकों को 72 हजार से एक लाख रुपए तक का नुक्सान हो रहा है, जिसको लेकर देशभर में पूर्व सैनिकों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। कई बार केंद्र सरकार से विसंगति को दूर करवाने का प्रयास किया गया लेकिन इतने प्रयत्न करने के बाद भी इस विसंगति को दूर नहीं किया जा रहा है जिसके चलते देशभर के पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
राष्ट्रपति से लेकर रक्षामंत्री को भेजे ज्ञापन, कोई प्रयास नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को इस मसले को लेकर कई ज्ञापन भेजे हैं लेकिन इसके बाद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। एक तरफ केंद्र सरकार खुद को पूर्व सैनिकों की हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ इस वर्ग की बात को अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में केंद्र सरकार को चेताया है कि कंेद्र सरकार पूर्व सैनिकों से न टकराए देश भर में पूर्व सैनिकों की संख्या 32 लाख है और आगे उनके परिवार है। इस चीज को सरकार को ध्यान में रखे और रक्षा विभाग में बैठे कर्मचारियों को आगह करें कि वन रैंक वन पैंशन की विसंगतियों को दूर करें। अगर विसंगतियों को दूर नहीं किया तो आंदोलन तेज होगा।
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