पूर्व मुख्य सचिव पी. मित्रा को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, जानिए क्या है मामला

Tuesday, Mar 30, 2021 - 11:45 PM (IST)

शिमला (मनोहर): हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्य सचिव पी. मित्रा और दो अन्य आरोपियों विनोद मित्तल और विवेक डोगरा को कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 के तहत अपराध दंडनीय है और इसके लिए अधिकतम सजा 7 साल है। एफआईआर वर्ष 2011 से संबंधित है और दस साल बीत चुके हैं। याचिकाकर्ताओं को इस न्यायालय ने अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। याचिकाकत्र्ता जांच में शामिल हो गए हैं और कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने जांच कार्य में कोई सहयोग नहीं दिया। हिरासत में पूछताछ का कोई औचित्य नहीं है और जमानत से इन्कार नहीं किया जा सकता।

गौरतलब है कि हिमाचल में गैर-हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति लेना जरूरी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 मार्च, 2011 को आरोपी विनोद मित्तल राजस्व विभाग के आला अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 5 लाख रुपए लेकर शिमला आया, परंतु उसे पुराने बस अड्डा शिमला में विजीलैंस द्वारा पकड़ लिया गया था। उस समय पी. मित्रा राजस्व विभाग के प्रधान सचिव के पद पर कार्य कर रहे थे। जांच के दौरान विजीलैंस ने आरोपियों की आपसी बातचीत बारे पुख्ता सबूत इकट्ठे किए और उन्हें साबित करने के लिए आरोपी विनोद मित्तल के वॉइस सैंपल व पॉलीग्राफ  टैस्ट की इजाजत के लिए निचली अदालत में आवेदन किया था, जिसे निचली अदालत ने स्वीकारते हुए विजीलैंस को विनोद मित्तल का वॉइस सैंपल और पॉलीग्राफ  टैस्ट लेने की अनुमति दे दी थी।

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Vijay