Watch Video: कभी यहां शिवलिंग पर चट्टानों से गिरता था दूध, जानिए शिव तांडव गुफा का रहस्य

Tuesday, Dec 05, 2017 - 09:39 AM (IST)

सोलन (पाल): सोलन जिला के कुनिहार में भगवान भोले नाथ की शिव तांडव गुफा सालों से श्रद्धा और भक्तिभाव का केंद्र बनी हुई है। शिव तांडव गुफा कुनिहार का प्राचीनतम इतिहास है। गुफा के अंदर गाय के थनों के आकार की चट्टानों से कभी शिवलिंग पर दूध गिरता था लेकिन बाद में पानी गिरना शुरू हो गया। प्रकृति से हो रही छेड़छाड़ का ही परिणाम है कि अब इन चट्टानों से पानी गिरना भी बंद हो गया है। मान्यता है कि यहां पर शिव भगवान ने कठिन तप किया था। 



शिवरात्रि पर यहां लगता है बड़ा मेला
शिव का यह स्थल धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित हो गया है। यहां पर प्रदेश से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी पर्यटक शिव परिवार के लिए दर्शनों के लिए आते हैं। यहां पर शिवरात्रि पर यहां बहुत बड़ा मेला लगता है, वहीं हर सोमवार को भोले बाबा के दर्शनों के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। इस गुफा के अंदर ही प्राचीन काल से शिवलिंग स्थापित है। यहां शिव परिवार के साथ साथ नंदी की शिला स्थापित है। बताया जाता है कि गुफा से एक रास्ता भी होता था लेकिन अब यह बंद हो गया है। यह शिव गुफा पूर्व दिशा की ओर है। इसके प्रवेश द्वार पर शीला रूपी फन फैलाए शेष जी की आकृति अपने मस्तक के ऊपर समस्त गुफा का भार वहन किए हुए हैं। 



यहां दूर-दूर से दर्शनों के लिए आते हैं लोग
बताया जाता है कि पहले शिव गुफा के संकीर्ण मार्ग का द्योतक था। इसमें प्रवेश के लिए पेट के बल सरक कर अथवा झुकते हुए रेंग कर जाना पड़ता था। पंडित हेमंत शर्मा का कहना है कि शिव तांडव गुफा का प्राचीनतम इतिहास है। यहां पर स्वयं शिव परिवार विराजमान है। यहां पर दूर-दूर से लोग उनके दर्शनों के लिए आते हैं। पुजारी सुमित शर्मा ने बताया कि उनके पूर्वज भी शिव तांडव गुफा के पुजारी रहे हैं। उनका कहना है कि यह गुफा अब धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित हो रही है। लोगों के जनसहयोग से यहां पर कई विकास कार्य चले हुए हैं।