हिमाचल में बिजली कानून में संशोधन के खिलाफ गरजे कर्मचारी

Tuesday, Jan 08, 2019 - 10:36 PM (IST)

शिमला: मोदी सरकार द्वारा लोकसभा के इसी शीतकालीन सत्र में लाए जा रहे बिजली कानून संशोधन विधेयक-2018 के खिलाफ मंगलवार को प्रदेशभर में जोरदार प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय बिजली कर्मचारी एवं अभियंताओं की समन्वय समिति के आह्वान पर राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सैंकड़ों विद्युत कर्मियों ने बिजली बोर्ड मुख्यालय के अलावा मंडल व वृत्त स्तर पर प्रदर्शन किया। प्रदेश में 18 जगह धरने व रैलियों का आयोजन किया गया। काजा में भी जमाव बिंदु से काफी नीचे चल रहे तापमान की परवाह किए बगैर विद्युत कर्मियों ने इस संशोधन का विरोध किया।

22 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं लगेगा बिजली का झटका

राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बताया कि इस कानून में संशोधन से बिजली बोर्ड का विघटन हो जाएगा। इसके बाद बोर्ड का काम छोटी-छोटी कंपनियों को दे दिया जाएगा। इसकी मार न केवल विद्युत कर्मियों पर पड़ेगी बल्कि 22 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली का करंट लगेगा। वर्तमान में बिजली पर जो सबसिडी राज्य सरकार दे रही है, वह खत्म हो जाएगी। इससे राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं समेत प्रदेश के उद्योगों पर भी बुरा असर पड़ेगा। बिजली महंगी हो जाने के बाद कई उद्योग यहां से पलायन करना शुरू कर देंगे, वहीं बिजली मापने के लिए जगह-2 इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों व बिजली के फीडरों को अलग-2 करने का खर्चा भी उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।

बोर्ड के विघटन से कर्मचारियों की सेवा शर्तें होंगी प्रभावित

उन्होंने बताया कि बिजली बोर्ड के विघटित होने के बाद कर्मचारियों की सेवा शर्तें प्रभावित होंगी। वहीं बोर्ड पैंशनर्ज व कर्मचारियों की पैंशन व सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले वित्तीय लाभ जैसी सामाजिक सुरक्षाएं खतरे में पडं जाएंगी। प्रदर्शन के दौरान विद्युत कर्मियों ने उत्तराखंड की तर्ज पर कर्मचारियों की संख्या को कम करने बारे बिजली बोर्ड द्वारा गठित की गईं कमेटियों का विरोध किया और इन्हें निरस्त करने की मांग उठाई।

बोर्ड में तय मापदंड के हिसाब से सृजित कर भरे जाएं पद

महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बोर्ड में तय मापदंड के हिसाब से पदों को सृजित कर भरने की मांग की है। उन्होंने 48 श्रेणी के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को शीघ्र दूर करने, आऊटसोर्स में कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने, लंबित करुणामूलक के मामलों को जल्द निपटाने व बोर्ड में मानव रहित विद्युत उपकेंद्रों के लिए 350 पदों का सृजन करने की मांग उठाई।

Vijay