शहरी विकास विभाग की योजना तैयार, अब BBN, कुल्लू, ऊना व धर्मशाला में कचरे से बनेगी बिजली

Wednesday, Oct 23, 2019 - 10:03 PM (IST)

शिमला: प्रदेश में अब कचरे से बिजली तैयार किए जाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य के शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर एनजीटी के सख्त आदेशों के बाद शहरी विकास विभाग ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ के साथ ही कुल्लू, ऊना तथा धर्मशाला में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। सूचना के अनुसार कई निजी कंपनियां इस प्रोजैक्ट को हाथ में लेने के लिए तैयार हैं।

शिमला में डेढ़ साल पहले स्थापित हुआ था संयंत्र, नहीं कर रहा काम

विशेष है कि एनजीटी के आदेशों के बाद शिमला में करीब डेढ़ साल पहले ठोस कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र स्थापित हुआ था। करीब 42 करोड़ के इस प्रोजैक्ट में 75 टन कचरे की रोजाना खपत होनी थी। इसके साथ ही रोजाना डेढ़ मैगावाट ग्रीन एनर्जी तैयार होनी थी। हालांकि यह संयंत्र काम नहीं कर रहा है। प्रदेश में कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण न होने की वजह से घर-घर कूड़ा एकत्र करने की मुहिम भी कारगर साबित नहीं हो रही है। बेशक घरों से कूड़ा एकत्र करने वाले इसे डंपरों में लेकर जाते हैं लेकिन बाद में कूड़े को खुले में फैंकने अथवा डंप करने से प्रदूषण कम होता प्रतीत नहीं हो रहा। लिहाजा ठोस कचरे से बिजली बनाने के प्रोजैक्ट के धरातल पर उतरने से प्रदूषण रोकने में इसका असर देखने को मिल सकता है।

जीरो वेस्ट ग्राम पंचायत बनाने का प्रस्ताव

राज्य में खंड स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन योजना भी तैयार की गई है। इसके तहत 500 ग्राम पंचायतों को जीरो वेस्ट ग्राम पंचायत बनाने का प्रस्ताव है। ऊना की ग्राम पंचायत अजौली और सोलन की ग्राम पंचायत नौणी में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र पहले से क्रियाशील हैं तथा अन्य कलस्टर में इन पर कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला के आईमा में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन संयंत्र पिछले 2 वर्षों से कार्य कर रहा है तथा वहां सभी प्रकार के ठोस कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जा रहा है।

Vijay