चुनावी मौसम में बिफरे आउटसोर्स कर्मचारी, बहिष्कार करने का बना रहे मन

Sunday, Mar 31, 2019 - 03:54 PM (IST)

शिमला (योगराज): प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं। शिमला के कालीबाड़ी हॉल में हुई आउटसोर्स कर्मचारियों की मीटिंग में कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर ली है। कर्मचारियों का आरोप है कि आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना जारी है परन्तु प्रदेश सरकार मौन है जिस से स्पष्ट है कि यह सरकार शोषण को बढ़ावा दे रही है। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष वीरेंद्र लाल ने मांग की है कि आउटसोर्स कर्मियों को 18 हज़ार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए। प्रदेश सरकार के आईपीएच मंत्री व मुख्यमंत्री विधानसभा में आउटसोर्स कर्मियों के खिलाफ वक्तव्य जारी करके उनका अपमान कर रहे हैं जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। 

आउटसोर्स कर्मियों के लिए कोई नीति न बनाने की बात से पूर्णतः सिद्ध हो रहा है कि वर्तमान सरकार भूतपूर्व सरकार से किसी मामले में भो भिन्न नहीं है व कर्मचारी विरोधी है। आउटसोर्स कर्मचारियों से 10 से 12 घण्टे काम करवाया जा रहा है लेकिन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। ओवरटाइम का भुगतान, ईपीएफ, मेडिकल, बोनस, ग्रेच्युटी, छुट्टियों आदि सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है जिससे कर्मचारी भारी शोषण के शिकार हो रहे हैं।सरकार ने अगर जल्द कर्मचारियों की मांगों पर गौर नहीं किया तो कर्मचारी आगामी लोकसभा चुनावों का बहिष्कार भी कर सकते हैं।

सम्मेलन में लगभग दो सौ कर्मियों ने भाग लिया। सम्मेलन में स्वास्थ्य, बिजली, आईपीएच, कृषि, फूड एन्ड सिविल सप्लाई, फारेस्ट, एसएलडीसी, प्रदेश सरकार सचिवालय, फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा, आईजीएमसी, केएनएच, एसजेवीएन, मिल्कफेड, नगर परिषद आदि विभागों के कर्मियों ने भाग लिया। सम्मेलन में 29 सदसीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें वीरेंद्र लाल को अध्यक्ष, देवराज बबलू, राजेश शर्मा, लोकेंद्र, हेमावती, बलवंत को उपाध्यक्ष, नरेंद्र देष्टा को महासचिव, रिंकू राम, नवीन, धर्मेंद्र, महेंद्र, विनोद को सचिव व दलीप कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया।

Ekta