चुनावी मुद्दा: हैरिटेज ट्रैक बनने पर खटाई में पड़ा ब्रॉडगेज लाइन का मामला

Monday, May 06, 2019 - 10:04 AM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल प्रदेश में रेल विस्तार कार्य की धीमी रफ्तार हमेशा से चर्चा का विषय रही है। फिर चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर आम बजट, यह मामला जरूर सुर्खियों में आता है। कालका-शिमला रेल मार्ग को यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर (हैरिटेज) का दर्जा दिए जाने से पहले इसे ब्रॉडगेज में बदलने का प्रस्ताव था। जब इसे हैरिटेज का दर्जा दिया गया तो मामला खटाई में पड़ गया है। इसके बाद हैरिटेज ट्रैक पर रेलगाड़ी की गति को बढ़ाने का मामला सामने आया। मौजूदा समय में इस ट्रैक पर रेल की गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है जिसे बढ़ाकर 35 किलोमीटर प्रति घंटा किए जाने की मांग लगातार की जा रही है। गति कम होने के कारण कालका से शिमला का सफर 5 घंटे में तय होता है। 

यदि रेल की गति को बढ़ाया जाता है तो 5 घंटे का सफर 3 घंटे में तय किया जा सकता है जिससे पर्यटक सड़क मार्ग से आने की अपेक्षा रेल मार्ग से आने को तरजीह देंगे। इसके अलावा शिमला से रामपुर या भानुपल्ली से रामपुर तक रेल लाइन पहुंचाने की मांग भी पहले की जाती रही है लेकिन यह सपना भी साकार नहीं हो सका। यानी जहां तक अंग्रेज शिमला में रेलवे लाइन बनाकर छोड़ गए थे, यह उससे आगे नहीं बढ़ पाई। प्रदेश में समय-समय पर सत्ता में रही सरकारों ने रेल विस्तार के मामलों को उठाया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी कालका-शिमला रेल मार्ग पर गति बढ़ाने का मामला उठाया था जिस पर सहमति भी बनी थी। इसके बावजूद वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यकाल में यह मामला सिरे नहीं चढ़ पाया।

पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है हैरिटेज ट्रैक

कालका-शिमला हैरिटेज रेल ट्रैक शुरू से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। प्रकृति के बीच से गुजरने वाले इस रेल ट्रैक से शिमला पहुंचने के लिए 103 सुरंगों से गुजरना पड़ता है। इस टै्रक पर रेल की गति बढ़ाए जाने से देश-विदेश से सैलानी अधिक संख्या में शिमला आएंगे और सड़क मार्ग पर भी दबाव कम होगा।

संसदीय क्षेत्र में रेल प्रोजैक्ट पर ध्यान केंद्रित: भाजपा

हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त का कहना है कि शिमला संसदीय क्षेत्र में रेल प्रोजैक्टों पर भाजपा का ध्यान पूरी तरह से केंद्रित है। कालका-शिमला रेल मार्ग को हैरिटेज का दर्जा दिए जाने से इस पर गति बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसी तरह बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ को रेल मार्ग से जोड़ने तथा पिंजौर से कालाअंब होते हुए देहरादून और हरिद्वार को रेल से जोड़ने का प्रयास जारी है ताकि प्रदेश के लोगों के साथ सैलानियों को इसका लाभ मिल सके।

Ekta