चुनावी मुद्दा: NH ने दिलाई सत्ता अब यही मुद्दा BJP के लिए बना गले की फांस

Tuesday, Apr 09, 2019 - 02:48 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल की सत्ता हथियाने के लिए भाजपा ने नैशनल हाइवे के लिए कंसल्टेंट लगाने में देरी को बीते विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन अब यही मुद्दा भाजपा सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। भाजपा को इस बार चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस व आम जनता के इस सवाल का जवाब देना होगा कि आखिर घोषणा के पांच साल बाद कोई भी एन.एच. धरातल पर क्यों नहीं उतर पाया, जबकि पी.डब्ल्यू.डी. महकमे ने हिमाचल के लिए घोषित 69 में से 54 एन.एच. की अलाइनमेंट रिपोर्ट बनाकर केंद्र को भेज रखी है। इनमें से कुछ सड़कों की अलाइनमेंट रिपोर्ट केंद्र को भेजे डेढ़ साल का वक्त बीत गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने एक भी सड़क की अलाइनमेंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी है। 

इस वजह से इन सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) नहीं बन पा रही है। जब तक अलाइनमेंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिलती तब तक किसी भी सड़क को एन.एच. का दर्जा नहीं दिया जा सकता। ज्ञात रहे कि साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद हिमाचल की 69 सड़कों को एन.एच. बनाने की घोषणा की गई थी। राज्य में पूर्व की वीरभद्र सरकार को भाजपा ने सड़क से लेकर विधानसभा के भीतर तक इस मुद्दे पर घेरा था। इसका विपक्षी भाजपा को चुनाव में लाभ भी मिला था, लेकिन प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के बाद यह मुद्दा भाजपा के लिए उल्टा पड़ रहा है। मोदी सरकार बीते पांच सालों के दौरान एक भी सड़क को एन.एच. का दर्जा नहीं दे पाई। इससे प्रदेश में कांग्रेस को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। राज्य की भाजपा सरकार को भी लोकसभा चुनाव में नुक्सान की आशंका सता रही है।

इस तरह एन.एच. बनती है कोई भी सड़क

किसी भी सड़क को एन.एच. बनाने के लिए सबसे पहले कंसल्टेंट तैनात किया जाता है। इसके बाद इनसेप्शन रिपोर्ट बनती है। इनसेप्शन रिपोर्ट को राज्य व केंद्र की मंजूरी के बाद अलाइनमेंट रिपोर्ट को भी दोनों सरकारों की मंजूरी लेनी होती है। आखिरी में डी.पी.आर. बनती है। डी.पी.आर. में यह बताना होता है कि सडक़ को एन.एच. के मापदंडों के मुताबिक चौड़ा करने के लिए कितनी जमीन व बजट की आवश्यकता है।

लोस चुनाव में कांग्रेस बनाएगी मुद्दा: राठौर

कांग्रेस का दावा है कि उनकी सरकार में केंद्र द्वारा घोषित ज्यादातर एन.एच. के लिए कंसल्टेंट लगा दिए गए थे लेकिन अब तक एक भी सडक़ की अलाइनमेंट रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दी गई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो उस दौरान मोदी सरकार जान बूझकर कंसल्टेंट लगाने को मंजूरी नहीं दे रही थी, ताकि विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि जब पी.डब्ल्यू.डी. ने 54 सडक़ों की अलाइनमेंट रिपोर्ट तैयार कर ली है तो केंद्र सरकार इनकी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एन.एच. की घोषणा केवल वोट के लिए की गई है।

एन.एच. में देरी के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार दोषी: गणेश

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने एन.एच. में देरी के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को ही जि मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा किकांग्रेस सरकार ने कई जगह लैंड ट्रांसफर नहीं की तो की जगह रोड़े अटकाने का प्रयास किया गया है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है उसके बाद प्रदेश की सडक़ों को एन.एच. बनाने के काम में तेजी आई है।

Ekta