बुजुर्ग महिला से क्रूरता मामले के बाद एक और पीड़िता आई सामने, मीडिया को सुनाई आपबीती (Video)

Friday, Nov 15, 2019 - 07:12 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): मंडी जिला के सरकाघाट के बड़ा समाहल गांव में बुजुर्ग महिला के साथ अमानवीय बर्ताव मामले के बाद एक और पीड़ित बुजुर्ग महिला सामने आई है, जिसने आपबीती मंडी आकर सुनाई तो इस मामले की कई परतें खुलकर सामने आई हैं। 70 वर्षीय महिला कृष्णी देवी का कहना है कि यह देवता के नाम पर आदेश सुनाने का सिलसिला करवाचौथ के दिन से शुरू हुआ और कथित पुजारिन ने देवता का आदेश बताकर पूरे गांव को मेरे ऊपर थूकने का आदेश सुना दिया था। उक्त पुजारिन ने देवता के सामने कहा कि यह महिला टोना-टोटका करती है और देवता के आदेश बताकर सजा सुना दी।

सजा सुनाते हुए देवता के कथित कारकूनों ने की मारपीट

महिला ने बताया कि वह उसी दिन से लोक लाज के चलते घर और गांव छोड़कर अपने रिश्तेदार के घर पिंगला आ गई। महिला का कहना है कि मैं अकेली रहती हूं और मुझे इसलिए निशाना बनाया गया। मैं इतने दिन यह आरोप लगने से घुट-घुटकर जी रही थी और घर से बाहर नहीं निकल पाई। मेरे साथ उस दिन देवता की सजा सुनाते हुए देवता के इन कथित कारकूनों ने मारपीट भी की और मेरे घर का सामान इसलिए जला डाला कि यहां तंत्र-मंत्र किया जाता है।

देवता ने पुजारी के माध्यम से बताई लड़की को बीमारी

महिला ने रोते हुए कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगे तो मैं इसी आदेश सुनाने वाले देवता माहूंनाग के मूल स्थान चच्योट के तरौर गांव गई और देवता मूल माहूंनाग ने अपने पुजारी के माध्यम से मुझे कहा कि यह उस लड़की को बीमारी है और इसका एक माह में इलाज हो जाएगा। आपको कोई ग्रह दशा नहीं है, आप शांति से रहें और जल्द इसका समाधान हो जाएगा। उसके बाद मैं अपने गांव लौट आई और इस बीच 6 नवम्बर को यह घटना हुई और अब राजदेई नाम की महिला को निशाना बनाकर उसको कथित पुजारिन ने डायन बताकर जूतों की माला और मुंह काला कर गांव में घुमाने के आदेश दिए और लोगों ने देव आदेश मानकर डर के मारे यह सब किया।

सब मानने लगे थे 25 वर्षीय युवती के आदेश

महिला ने बतााया कि उस 25 वर्षीय युवती ने देवता के आदेश बताकर सबको काफी दिनों से डराया हुआ था और सब उसके आदेश मानने लगे थे। गांव में और भी कई लोग हैं, जिनके घर उसने देवता उठाकर पहुंचाया और तंत्र-मंत्र करने की जगह बताकर तोडफ़ोड़ की और मकान मालिकों को पीटने के साथ घर खाली कर दिए।

घर में हुईं मौतों पर बुजुर्ग एकल महिलाओं को बनाया निशाना

महिला ने कहा कि यह देवता के नाम पर डराने का काम स्व. पुजारी की बेटी व बेटे ने शुरू किया। इनके घर 4 लोगों की अचानक 2-3 वर्षों में ही मृत्यु हो गई, जिसका कारण ये बच्चे तंत्र-मंत्र मानने लगे और बुजुर्ग एकल महिलाओं को निशाना बनाया। जिन्होंने पुलिस में शिकायत दी तो उनके घर धावा बोलकर देवता के नाम पर तोडफ़ोड़ और सामान जला दिया।

देवता की मान्यता को दी गलत दिशा

देवता की पूरे इलाके में मान्यता है लेकिन इस परिवार के बच्चों ने इसे गलत दिशा दी और हमें जलील किया। पूरा गांव देवता के आदेश मानकर इसे सहन करता रहा लेकिन अब हमें आभास हो गया है कि यह देवता नहीं, देवता के नाम पर इस परिवार के बच्चों ने हमें प्रताडि़त करने का काम किया है। स्व. पुजारी के रहते ऐसा कोई गलत आदेश जारी नहीं हुआ और देवता हमेशा आशीर्वाद देता रहा है।

पुलिस समझौता न करवाती तो पहले ही पकड़े जाते आरोपी

महिला के अलावा एक सेवानिवृत्त टीचर जय गोपाल ने भी आपबीती सुनाई और कहा कि मुझे भी 6 नवम्बर को सुबह देवता के आदेश बताकर पीटा गया क्योंकि मैंने इनकी पुलिस में शिकायत कर दी थी। 7 नवम्बर को मेरी शिकायत पर पुलिस टीम एसएचओ सरकाघाट सहित गांव में आई और उनके सामने भी मुझे देवता के आदेश बताकर पिटाई की गई लेकिन पुलिस चुप रही। अपने जख्म दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमारा समझौता भी करवाया और इसके बाद भी मुझे पुजारिन के कहने पर पीटा गया। अगर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो ये लोग उसी दिन पकड़े जाते। इस काम में गांव के कई लोग आंखें मूंद कर आदेशों का पालन कर दर्जनों लोगों को प्रताड़ित करते रहे। 

देव समाज की आड़ में दुकानदारी चला रहे अंधविश्वासी

इस मौके पर समाजसेवी संजय शर्मा ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया कि सब कुछ जानते हुए भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। यह देवता के नाम पर डर दिखाने और बेकसूरों पर अंधविश्वास के चलते जलील करने की बहुत बड़ी घटना है। कथित पुजारी परिवार के बच्चों ने बदले की भावना से देवता की आड़ में यह सब किया है। लिहाजा उच्च स्तरीय जांच कर गांव को मुख्य धारा में लाने का प्रयास होना चाहिए।

Vijay