शैक्षणिक संस्थान 21 अप्रैल तक रहेंगे बंद, 25 अप्रैल को होगा जनमंच

Friday, Apr 09, 2021 - 05:05 PM (IST)

शिमला : हिमाचल प्रदेश में शैक्षणिक संस्थान 21 अप्रैल तक बंद रहेंगे। यह निर्णय आज जयराम कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। पूर्व में सभी शैक्षणिक संस्थानों को 15 अप्रैल तक बंद करने के संबंध में आदेश जारी किए गए थे। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कैबिनेट बैठक में उक्त निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने सरकार को 30 अप्रैल तक शैक्षणिक संस्थान बंद करने का प्रस्ताव भेजा था, परंतु कैबिनेट ने 21 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है। 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई। राज्य में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्रिमंडल ने इस महीने की 21 अप्रैल तक परीक्षा ड्यूटी के लिए आवश्यक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध के आधार पर वन विभाग में वन रक्षकों के 311 पदों को भरने का भी निर्णय लिया। बता दें कि इस वर्ष की 9 मार्च को आयोजित बैठक के दौरान मंत्रिमंडल द्वारा वन रक्षकों  के 113 पद पहले से ही स्वीकृत हैं। मंत्रिमंडल ने सीधी भर्ती कोटे के खिलाफ एचपी लोक सेवा आयोग के माध्यम से कृषि विभाग में अनुबंध के आधार पर कृषि विकास अधिकारियों के 25 पदों को भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने ड्रोन तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पार्सल के सर्वेक्षण के लिए राज्य में केंद्रीय क्षेत्र की योजना SVAMITVA को लागू करने का निर्णय लिया। इसके लिए पंचायती राज विभाग के सहयोग से योजना के कार्यान्वयन के लिए राजस्व विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित किया जाएगा। राज्य में योजना शुरू करने के लिए सर्वेक्षण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राज्य संचालन समिति, राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई और जिला परियोजना निगरानी इकाई का भी गठन किया जाएगा। 

मंत्रिमंडल ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के उपलब्ध रिक्त पदों के विरुद्ध 5 प्रतिशत कोटे की छूट के साथ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों के विरुद्ध मृतक कर्मचारियों के पात्रों को अनुकंपा के आधार पर शिमला, किन्नौर, सोलन, कांगड़ा के डीसी कार्यालयों और सैटलमैंट ऑफिसर कांगड़ा डिवीजन के कार्यालय में रोजगार देने की भी अनुमति दी है। मंत्रिमंडल ने यू-ब्लॉक मंडी में बहुमंजिला पार्किंग-कम-शॉपिंग कॉम्प्लैक्स के विकास के लिए परियोजना को पीपीपी मोड के तहत 63,63,000 रुपए वार्षिक जीएसटी और अन्य सभी लागू करों के उच्चतम रियायती शुल्क पर त्थ्च् के नियमों और शर्तों के अनुसार प्रति वर्ष दिया जा सकता है। चयनित बोलीदाता अनुपालन तिथि से शुरू होने वाले 24 महीनों की अवधि में 40 लाख रुपए की 5 समान किश्तों के माध्यम से प्राधिकरण को 2 करोड़ रुपए का अग्रिम प्रीमियम भी देगा। 

मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुंडियां को 50 बैड वाले सिविल अस्पताल में अपग्रेड करने के लिए स्वीकृति प्रदान की, ताकि क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। इसके अलावा कांगड़ा जिले के इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगथ को 50 बैड वाले सिविल अस्पताल में अपग्रेड करने का निर्णय लिया। इसी तरह कांगड़ा जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तियारा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने और विभिन्न श्रेणियों के 13 नए पदों को भरने के लिए मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने चंबा जिले के भटियात विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समोट को 50 बैड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड करने को भी मंजूरी दी। 

कैबिनेट ने नई बनाई गई नगर पंचायतों के सुचारू कामकाज के लिए प्रत्येक नवगठित नगर पंचायतों अर्थात शाहपुर, चिड़गांव, नेरवा, निरमंड, आनी, कंडाघाट और अम्ब के लिए विभिन्न श्रेणियों के 5 पदों के सृजन के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की। राज्य में मौजूदा सूखे की स्थिति पर जल शक्ति विभाग द्वारा मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुतियां भी दी गईं। आगे के निर्णयों के लिए सभी हितधारकों विभागों सहित मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने यह भी तय किया कि इस वर्ष 25 अप्रैल को अगला जनमंच होगा।

Content Writer

prashant sharma