स्कूलों में सुरक्षा एडवाइजरी पर शिक्षा मंत्री के सख्त आदेश, पालन नहीं किया तो गिरेगी गाज

Friday, Apr 20, 2018 - 06:52 PM (IST)

शिमला: शिक्षा, विधि व संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि स्कूलों में सुरक्षा एडवाइजरी का पालन नहीं किया तो स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नूरपुर में स्कूल बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाई लेवल बैठक बुलाई थी और अधिकारियों को निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कैबिनेट में भी निजी स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एडवाइजरी जारी की थी और इसमें जो नियम तय किए गए हैं, उन्हें सख्ती से लागू किया जाएगा और जो स्कूल प्रबंधन इनका उल्लंघन करेगा, उस पर गाज गिरना तय है। इसके लिए चाहे कानून बनाने की भी आवश्यकता पड़े तो उसे भी बनाया जाएगा। 


स्कूली बच्चों की सुरक्षा सबसे आवश्यक 
शिक्षा मंत्री शुक्रवार को स्कूलों में परिवहन सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। शिमला में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, एच.आर.टी.सी. के अधिकारियों, निजी व सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य, टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सुरेश भारद्वाज ने स्कूलों में परिवहन सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा सबसे आवश्यक है। सरकार द्वारा जारी परिवहन सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश एवं देश के भविष्य की रक्षा करना है। 


अभिभावकों तथा एस.एम.सी. को करें जागरूक
मंत्री ने स्कूलों में परिवहन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों तथा एस.एम.सी. को भी जागरूक करने का आग्रह किया। इस दौरान निजी और सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने मंत्री व जिलाधीश के समक्ष अपने स्कूल संबंधी समस्या भी रखी। इसके अलावा स्कूल टैक्सी यूनियन के सदस्यों ने भी कुछ मांगें बताईं। इस मौके पर अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीर ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा डा. अमर देव, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा मनमोहन सिंह, ए.डी.एम. प्रभा राजीव, जी.सी. नेगी, आर.टी.ओ. भूपेंद्र अत्री, एस.डी.एम. नीरज चांदला, अनिल शर्मा, आर.एम. देवासेन नेगी, उपनिदेशक शिक्षा राकेश वशिष्ठ व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। शिक्षा मंत्री ने एच.आर.टी.सी. को भी निर्देश दिए हैं कि स्कूलों के लिए बसों की कमी नहीं की जाए।


स्कूलों के बाहर भी समझें बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी : डी.सी.
जिलाधीश अमित कश्यप ने स्कूल प्रबंधनों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूल के बाहर भी बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी समझें। बच्चा घर तक सुरक्षित पहुंचना चाहिए, इसके लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उचित पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने जिला शिमला में स्कूलों में परिवहन सुरक्षा से संबंधित जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। साथ ही कहा कि स्कूलों में परिवहन सुरक्षा संबंधित दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए निगरानी भी सुनिश्चित की जा रही है।


गाइड लाइन के मुख्य बिंदु
1. वाहन पर चालक का विवरण, स्कूल या बस के मालिक का नाम, चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर 1098 लिखा जाना चाहिए।
2. विद्यार्थी की उम्र 12 वर्ष से कम हो तो वाहन में बिठाए गए विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी, 12 वर्ष से अधिक उम्र के विद्यार्थी को एक व्यक्ति माना जाएगा। 
3. किसी भी परिस्थिति में वाहन में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को बैठने की अनुमति नहीं होगी।
4. बस एवं वाहन में गाड़ी तथा यात्रियों का मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अंतर्गत वैध बीमा होना चाहिए।
5. स्कूल प्रबंधन पार्किंग स्थलों पर करे सी.सी.टी.वी. कैमरों की व्यवस्था।
6. स्कूल बैग को सुरक्षित रूप से रखने के लिए सीटों के नीचे या बस के अंदर सुविधाजनक जगह की उपलब्धता हो।
7. स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक स्कूल बस में कम से कम एक प्रशिक्षित महिला गार्ड, परिचर की व्यवस्था करनी होगी।
8. बस एवं वाहन चालक व परिचालक निर्धारित भूरे रंग की वर्दी व काले रंग के जूते पहनेगा तथा वर्दी पर उसकी नेम प्लेट प्रदर्शित हो।
9. बस चालकों को दक्षता एवं व्यवहार कुशलता में सुधार लाने के लिए रिफ्रैशर प्रशिक्षण कोर्स करवाना होगा।
10. जिन बसों के आगे व पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होगा, उन पर स्कूल प्रबंधन को नजदीकी पुलिस स्टेशन में व जिला यातायात पुलिस को चालक का नाम व गाड़ी का विवरण देना होगा।
11. स्कूल वाहन की अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए।

Vijay