99 साल बाद शिवरात्रि महोत्सव में पहुंचीं दुर्गा बायला की गुशैण जंजैहली

Thursday, Mar 11, 2021 - 11:45 PM (IST)

मंडी (अनिल): अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 99 साल बाद पहुंचीं देवी बायला की गुशैण जंजैहली का मंडी पहुंचने पर ऐतिहासिक स्वागत हुआ। देवी के पुजारी दुर्गा सिंह ने बताया कि द्वापर युग में देवी हाटकोटी से चिंडी होते हुए गाड़ा गुशैण पहुंचीं और वहां से बायला आईं। जहां-जहां देवी बैठीं वहीं-वहीं देवी के स्थान बन गए। चिंडी माता करसोग में भी यही दुर्गा माता विराजमान है, स्थान का नाम चिंडी होने से माता को चिंडी कहा जाने लगा और ऐसे ही बायला की गुशैण स्थान का नाम होने के चलते देवी बायला की गुशैण जंजैहली कहा जाने लगा। देवी क्षेत्र में बारिश करवाने और रोकने की फरियाद भी सुनती हैं। इसके साथ ही देवी महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली के रूप भी पूजी जाती हैं। देवी के 3 मोहरों में इन्हीं देवियों का निवास है।

हर बार मिलते थे निमंत्रण

अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आने के निमंत्रण हर बार मिलते थे लेकिन अधिक दूरी होने व अन्य गंभीर कारणों से देवी महोत्सव में नहीं आती थीं लेकिन इस बार देवी ने सारे काम एक साथ करवाकर सबको एक स्थान पर एकत्र किया और महोत्सव में आने की हामी भरी। 99 साल पहले देवी का स्वागत राज परिवार की ओर से किया जाता रहा है।

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Vijay