विश्व बैंक ने सड़कों की DPR बनाने को हिमाचल को दिए 20.79 करोड़

Wednesday, Jun 05, 2019 - 11:40 PM (IST)

शिमला: विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसफॉर्मेशन (एच.पी.आर.आई.डी.सी.) परियोजना फेज-2 के लिए लोक निर्माण विभाग ने कंसल्टैंट तैनात कर दिया है। विश्व बैंक की मंजूरी के बाद पी.डब्ल्यू.डी. ने सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी.पी.आर.) बनाने का जिम्मा ‘साटरा कंसल्टिंग सर्विस’ फर्म को दिया है। साटरा फर्म तकरीबन 2000 किलोमीटर लंबी सड़कों की डी.पी.आर. तैयार करेगी। इसमें 650 किलोमीटर लंबी सड़कों को अपग्रेड किया जाना है, जबकि 1350 किलोमीटर लंबी सड़कों का रख-रखाव इस परियोजना के तहत किया जाना है। विश्व बैंक ने सड़कों की डी.पी.आर. बनाने के मकसद से हिमाचल को 20 करोड़ 78 लाख 92 हजार 500 रुपए का बजट भी दे दिया है।

सड़कों को अपग्रेड व रखरखाव का काम धरातल पर होगा शुरू

डी.पी.आर. बन जाने के बाद विश्व बैंक इस परियोजना के तहत हिमाचल को बजट देगा। तब जाकर सड़कों को अपग्रेड करने व रखरखाव का काम धरातल पर शुरू पाएगा। एच.पी.आर.आई.डी.सी. परियोजना के फेज-1 में भी प्रदेश की 10 सड़कों को अपग्रेड किया गया है। परियोजना का फेज-1 साल 2007 में शुरू हुआ और 30 जून 2017 को पूरा हुआ है। इसके तहत 435 किलोमीटर लंबी 10 सड़कें स्तरोन्नत व डबललेन की गई। फेज-1 परियोजना पर कुल 2298 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। डी.पी.आर. बनाने के बाद पी.डब्ल्यू.डी. महकमा इन सड़कों को अपग्रेड करने के लिए टैंडर आमंत्रित करेगा। इसके बाद इन सड़कों को अपग्रेड करने पर काम शुरू होगा। फेज-2 परियोजना पर तकरीबन 3800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

3 ट्रैंचों में किया जाएगा परियोजना का काम

एच.पी.आर.आई.डी.सी. फेज-2 परियोजना का काम 3 ट्रैंचों में किया जाएगा। ट्रैंच-1 में 127 किलोमीटर लंबी 5 सड़कों को डबललेन बनाया जाना प्रस्तावित है। इनमें मंडी-रिवालसर-कलखड़, बरोटीवाला-बद्दी-साई-रामशहर, दधोल-लदरोर, रघुनाथपुरा-मंडी-धराड़ी-हरपुर रोड तथा नौर-बजीरवाड़ी सड़क शामिल हैं।

Vijay