NGT के हिसाब से नया शहर बसाने को बनाई जा रही DPR

Monday, Jan 14, 2019 - 10:20 AM (IST)

शिमला (देवेंद्र): राजधानी के जाठियादेवी में अब स्मार्ट टाऊनशिप नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के आदेशानुसार बसाया जाएगा। सिंगापुर की एक निजी कंपनी इन दिनों इस पूरे प्रोजैक्ट की डी.पी.आर. बनाने में जुटी हुई है। दावा किया जा रहा है कि फरवरी माह के अंत तक डी.पी.आर. बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद डी.पी.आर. सरकार की मंजूरी को प्रेषित की जाएगी। डी.पी.आर. को सरकार की अप्रूवल मिलने के बाद नए वित्त वर्ष में इस प्रोजैक्ट का काम शुरू कर दिया जाएगा। एन.जी.टी. के 16 नवम्बर, 2017 को आए आदेशों के बाद पूर्व में इस प्रोजैक्ट में प्लान की गई हाई राइज्ड बिल्डिंग हटा दी गई है। ऐसा करने से यहां प्रस्तावित 600 से ज्यादा फ्लैट की संख्या कम होकर लगभग 300 रह जाएगी। 

पूर्व योजना के मुताबिक जाठियादेवी में 6 से लेकर 12 मंजिल तक की हाई राइज्ड बिल्डिंग प्रस्तावित थी, लेकिन एन.जी.टी. ने शिमला के प्लानिंग एरिया में अढ़ाई मंजिल से अधिक निर्माण पर रोक लगा रखी है। इस वजह से यह महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट एक साल से लटका हुआ है। हिमुडा ने जाठियादेवी में नया शहर विकसित करने के लिए लगभग 450 बीघा जमीन खरीद रखी है। इसके लिए हिमुडा ने बैंकों से कर्ज ले रखा है। प्रोजैक्ट बनने में हो रही देरी के कारण रोजाना लाखों रुपए ब्याज के हिमुडा पर कर्ज के रूप में चढ़ रहा है। वहीं हिमुडा को आस थी कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एन.जी.टी. के आदेशों को चुनौती देने से राहत मिलेगी, लेकिन सरकार एन.जी.टी. के आदेश आने के एक साल लगभग 2 माह बाद भी अपील नहीं कर पाई है।

इस वजह से भी हिमुडा इस प्रोजैक्ट को लेकर पसोपेश में है। बताया जा रहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट शिमला प्लानिंग एरिया में अढ़ाई मंजिल तक निर्माण की शर्त हटा देता है तो पुरानी डी.पी.आर. के हिसाब से जाठियादेवी प्रोजैक्ट को सिरे चढ़ाया जाएगा। कोर्ट से राहत न मिलने की सूरत में नए सिरे से बनाई जा रही डी.पी.आर. के मुताबिक जाठियादेवी में स्मार्ट टाऊनशिप विकसित होगी। इस प्रोजैक्ट की लागत भी अब 1200 करोड़ के आसपास रह जाएगी।




 

Ekta