डबल इंजन ने दम तोड़ा, अफसरशाही भी सरकार पर हावी : अग्निहोत्री

Tuesday, Feb 12, 2019 - 10:58 AM (IST)

शिमला : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही सरकार पर हिमाचल प्रदेश को आर्थिक दिवालिएपन के कगार पर पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने वित्त वर्ष 201 9 -20 के लिए बजट अनुमान सामान्य चर्चा पर भाग लेते हुए राज्य सरकार पर चौतरफा वार करते हुए कहा कि जिस गति से कर्ज लिए जा रहे हैं, उससे वर्ष, 2022 तक प्रदेश आर्थिक दिवालिएपन के कगार पर पहुंच जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिल रही है, जिससे डबल इंजन दम तोड़ रहा है। प्रदेश पर अफसरशाही पूरी तरह हावी है, जिसकी झलक मुख्यमंत्री के बजट भाषण में देखी जा सकती है। राजस्व उगाही को लेकर बजट में जिस तरह किसी तरह का उल्लेख नहीं है, उससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री यह छाती ठोककर कह रहे हैं कि मैं कर्जें लेकर काम करूंगा। उन्होंने कहा कि जिन नैशनल हाईवजे (एन.एच.) प्रोजैक्ट को लेकर सरकार छाती ठोकती थी, उसका और फोरलेन प्रोजैक्ट का बजट भाषण में जिक्र तक नहीं है।

इसी तरह सरकार का स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट भी पिट गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में 30 और इस बार 18 नई योजनाओं की घोषणा की हैं, लेकिन ये योजनाएं सिर्फ घोषणा तक सीमित होकर रह गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय वर्ष, 2022 तक दोगुना करने की घोषणा भी जुमलेबाजी से अधिक कुछ नहीं है। बजट में सिर्फ मायाजाल का ताना-बाना बुना गया है, जिसमें प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि योजना आयोग को केंद्र ने समाप्त कर दिया है लेकिन विधायक रमेश धवाला को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर झूठी सवारी करवाई जा रही है।

सरकार स्कूली बच्चों को वर्दी और लैपटॉप देने में नाकाम रही है, अब पत्रकारों को लैपटॉप देने के सब्जबाग दिखाए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के साथ कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा कर रह गई है। जंगली जानवरों के उत्पात से सरकार किसानों को निजात नहीं दिला पाई है और अब भैंस-बकरी पालन की बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की वित्तीय हालत इतनी खराब है कि कर्मचारियों को नए वेतनमान देने के लिए धन जुटाना मुश्किल हो जाएगा। इसी तरह प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन बेचारा हो उन्होंने ने अपने शायराना अंदाज तथा व्यंग्यपूर्ण शैली में सरकार पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि सरकार की हालत लोहड़ी के उस लोकगीत सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन बेचारा हो...गीत की तरह है, जिसमें किसी को 500 रुपए, किसी को 100 रुपए तो किसी को रेवड़ी बांटकर रिझाया जा रहा है। यह रेवडिय़ां नए निगम-बोर्ड गठन के तहत भी बांटी जा रही हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान कहा कि वह विपक्ष के नेता की तरफ से कही गईं बातों से निराश हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता यदि तथ्यों पर बात करते तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा का उत्तर देते समय वह विस्तार से सरकार का पक्ष रखेंगे लेकिन राज्य को कर्ज तले डुबोने में पूर्व सरकार ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी तरफ से जनहित में शुरू की गई किसी एक योजना का उल्लेख भी किया जाता, तो अच्छा होता।

kirti