स्वास्थ्य मंत्री के साथ विफल रही वार्ता, सोमवार से डेढ़ घंटे की पैन डाऊन स्ट्राइक करेंगे डॉक्टर

Saturday, May 27, 2023 - 04:57 PM (IST)

शिमला (जस्टा): प्रदेशभर के डाॅक्टर सोमवार से डेढ़ घंटे की पैन डाऊन स्ट्राइक पर जाएंगे। डाॅक्टरों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डा. कर्नल धनीराम शांडिल ने डाॅक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन डाॅक्टरों की वार्ता विफल रही। अब पैन डाऊन स्ट्राइक के जाने से मरीजों को अस्पतालों में काफी दिक्कतें आएंगी। डाॅक्टर सुबह 9.30 से 11 बजे तक स्ट्राइक करेंगे। इसके बाद ही ओपीडी में बैठेंगे। इस बीच मरीजों को वापस आने का इंतजार करना पड़ेगा। सबसे ज्यादा दिक्क तें प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में आएंगी क्योंकि यहां पर मरीजों की संख्या काफी ज्यादा रहती है। स्वास्थ्य मंत्री ने डाॅक्टरों से इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया लेकिन डाॅक्टरों ने एनपीए को लेकर जारी अधिसूचना को जब तक वापस नहीं लिया जाता है तब तक आंदोलन जारी रखने की बात कही।

आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी
पैन डाऊन स्ट्राइक के दौरान कोई भी डाॅक्टर काम नहीं करेंगे हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रखेंगे। नए भर्ती होने वाले डाॅक्टरों के लिए एनपीए बंद करने को लेकर डाॅक्टरों में काफी रोष है। डाॅक्टरों का कहना है कि हम ईमानदारी के साथ काम करते हैं, एनपीए इसलिए दिया जाता था कि डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस न करें। अस्पतालों में डाॅक्टर 24 घंटे की ड्यूटी देते हैं, फिर भी सरकार ने उनके एनपीए को ही बंद कर दिया है। डाॅक्टर ने सरकार को दो टूक कहा है कि अगर एनपीए के फैसले को वापस नहीं लिया तो आंदोलन तेज होगा और अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा जाएंगी। 

आंदोलन शुरू, अब पीछे नहीं हटेंगे डाॅक्टर 
एचएमओए के महासचिव विकास ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि अधिसूचना निकली है उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। इसको जल्द ही ठीक किया जाएगा। मंत्री ने विरोध न करने का आग्रह किया लेकिन जब तक अधिसूचना को वापस नहीं लिया जाता विरोध जारी रहेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मामला उठाने की बात कही है।

डाॅक्टरों के लिए एनपीए जरूरी, निर्णय वापस नहीं तो तेज होगा आंदोलन 
प्रदेश चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा ने कहा कि एनपीए डाॅक्टरों के लिए काफी जरूरी है, जिसे सरकार ने बंद कर दिया है। जब तक अधिसूचना सरकार वापस नहीं लेती है तब तक डाॅक्टर अपना विरोध जारी रखेंगे, लेकिन इस दौरान हम आपातकालीन सेवाएं जारी रखेंगे और ऑप्रेशन भी किए जाएंगे। डाॅक्टर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं और लोगों की सेवा कर रहे हैं, ऐसे में डाॅक्टरों का एनपीए बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार जब तक एनपीए बंद करने की अधिसूचना को वापस नहीं लेती है तब तक विरोध जारी रहेगा।  

डाॅक्टर काम पर ध्यान दें, मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा मामला 
वहीं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि डाॅक्टरों के साथ बैठक की गई। उनकी समस्याओं को सुना गया है। सेवा में कोई बाधा नहीं आएगी। जो भविष्य में डाॅक्टर भर्ती होंगे उन्हें एनपीए नहीं देने की अधिसूचना जारी हुई है। एनपीए इसलिए दिया जाता है कि डाॅक्टर निजी प्रैक्टिस न करें। डाॅक्टर अपने काम पर ध्यान दें। इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।

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Content Writer

Vijay