हिमाचल के निर्माण में डॉ. वाई.एस. परमार का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता : जयराम

Sunday, Aug 04, 2019 - 05:57 PM (IST)

शिमला (तिलक/अमित): हिमाचल निर्माता स्व. डॉ. यशवंत सिंह परमार की 113वीं जयंती के अवसर पर रविवार को प्रदेश भर में समारोहों का आयोजन किया गया। इस कड़ी में शिमला के एतिहासिक रिज मैदान पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन एवं खेल मंत्री गोविंद ठाकुर शहरी विकास मंत्री सरबीण चौधरी और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे और उन्होंने डॉ. परमार की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि हिमाचल के निर्माण में डॉ. परमार के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस मौके पर प्रदेश सरकार की ओर से पीटर हॉफ में राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉ. परमार के परिवारिक सदस्यों को सम्मानित भी किया गया।

डॉ. परमार की दूरदर्शी सोच से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा हिमाचल : राजीव बिंदल

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि डॉ. परमार का मार्गदर्शन आज भी उतना ही सार्थक है जितना हिमाचल बनने के समय था। उनकी दूरदर्शी सोच के चलते हिमाचल विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। इस मौके पर विधानसभा की तरफ से डॉ. परमार के जीवन और उनके अभिभाषणों पर आधारित पुस्तक भी बनाई गई है, जिसकी 1000 प्रतियां बांटी जाएंगी।

डॉ. परमार ने लड़ी हिमाचल के हितों की लड़ाई : मुकेश अग्निहोत्री

उधर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी डॉ. परमार की जयंती पर कहा कि डॉ. परमार ने हिमाचल के हितों की लड़ाई लड़ी। पहाड़ी राज्यों के विकास के लिए अलग से मापदंड बनाए। हिमाचल बनने के समय हिमाचल की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन डॉ. परमार की दूरदर्शी सोच के कारण कृषि, बागवानी, पर्यटन व ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल आगे बढ़ा। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया गया।

डॉ. परमार की जयंती पर सोलन में लगाया रक्तदान शिविर

हिमाचल निर्माता और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवन्त सिंह परमार की 113वीं जयंती पर सोलन में सिरमौर कल्याण मंच द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर नगर परिषद सोलन के सभागार में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। रक्तदान शिविर में संस्था के सदस्यों सहित अन्य लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर में लोगों द्वारा 50 यूनिट रक्तदान किया गया। सिरमौर कल्याण मंच सोलन के प्रधान बलदेव सिंह चौहान ने कहा कि सिरमौर कल्याण मंच पिछले 19 वर्षों से हर वर्ष 4 अगस्त को डॉ. परमार जयंती पर रक्तदान शिविर आयोजित करता आ रहा है तथा अब तक करीब 900 यूनिट रक्त एकत्र करके अस्पताल को दिया जा चुका है। इस अवसर पर संस्था द्वारा रात्रि सिरमौरी भोज का भी आयोजन किया गया है।

जमीन से जुड़े ठेठ पहाड़ी ही बने रहना पसंद करते थे डॉ.परमार

सिरमौर के अति दुर्गम और पिछड़े गांव चन्हालग में जन्मे डॉ. वाई.एस. परमार ने सारी उम्र परंपरागत पहाड़ी परिधान ही पहना। उनका जन्म 4 अगस्त, 1906 को सिरमौर जिला की पच्छाद तहसील के गांव चन्हालग में शिवानंद सिंह के घर हुआ था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. वाईएस परमार कुशल राजनेता के साथ-साथ कला और साहित्य प्रेमी भी थे. हिंदी, अंग्रेजी और ऊर्दू भाषाओं पर कमाल का अधिकार रखने वाले डॉ. परमार हमेशा जमीन से जुड़े ठेठ पहाड़ी ही बने रहना पसंद करते थे।

Vijay