IGMC में डॉक्टर ने ठुकराया हैल्थ कार्ड, मरीज को जेब से भरने पड़े ऑप्रेशन के पैसे

Wednesday, Dec 18, 2019 - 09:50 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): गरीब लोगों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा  लागू की गई योजनाओं की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। स्वास्थ्य योजनाओं के तहत हिमकेयर और आयुष्मान योजनाओं के तहत मुफ्त में इलाज के सरकार बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर ही इन योजनाओं के तहत मिलने वाले सामान को घटिया बता कर बाहर से सामान लाने के लिए मरीजों को मजबूर कर रहे हैं। ऐसा ही मामला प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी में सामने आया है, जहां ऑप्रेशन के लिए मरीज हैल्थ कार्ड होते हुए भी जेब से पैसे भर रहे हैं।

मंडी से आईजीएमसी रैफर की गई थी महिला

जानकारी के अनुसार सितम्बर महीने में मंडी की एक महिला को मंडी क्षेत्रीय अस्पताल से आईजीएमसी रैफर किया गया। आईजीएमसी पहुंचने पर डॉक्टर ने तुरंत ऑप्रेशन करने के लिए कहा तो तीमारदार ने तुरंत हैल्थ कार्ड निकाला, लेकिन डॉक्टर ने मरीज का ऑप्रेशन हिमकेयर कार्ड पर नहीं बल्कि उनके जेब से पैसे खर्च करवाकर किया। मंडी निवासी नरेश कुमार ने आरोप लगाए हैं कि उसकी ताई घर पर सीढिय़ों से गिर गई थी तथा रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के चलते उसे आईजीएमसी रैफर किया गया था।

डॉक्टर बोला-योजनाओं के तहत घटिया क्वालिटी का सामान

तीमारदारों के पास हिमकेयर योजना का कार्ड बना हुआ था लेकिन डॉक्टर ने कार्ड पर ऑप्रेशन करने से मना कर दिया और कहा कि इन योजनाओं के तहत जो सामान आता है वो घटिया क्वालिटी का है और बाहर से ब्रांडिड कंपनी का सामान ले आओ। डा्रॅक्टर का कहना था कि ऑप्रेशन के लिए ज्यादा पैसे लगने हैं, ऐसे में कार्ड पर मरीज का ऑप्रेशन नहीं हो पाएगा। तीमारदार ने चिकित्सकों से कहा कि वे गरीब परिवार से संबंध रखते हंै, ऐसे में वे कार्ड पर ही इलाज करवाना चाहते हैं। इस पर डॉक्टर ने उन्हें कहा कि अभी आप अपनी जेब से पैसे खर्च कर लो बाद में ये पैसे कार्ड पर एडजस्ट किए जाएंगे और आपके पैसे वापस मिल जाएंगे लेकिन उन्होंने ऑप्रेशन करवाने से मना कर दिया था।

डॉक्टर ने फार्म पर जबदस्ती करवाए हस्ताक्षर

उन्होंने कार्ड पर ही ऑप्रेशन करवाना था लेकिन डॉक्टर ने उसके भाई से एक फार्म पर जबदस्ती ही हस्ताक्षर करवाए लिए। उस फार्म में यह लिखा गया था कि हम कार्ड पर ऑप्रेशन नहीं करवाना चाहते हैं। डॉक्टर ने ऑप्रेशन तो कर दिया लेकिन जब पैसे वापस करने की बात आई तो उन्होंने कहा कि आपके पैसे वापस नहीं मिलेंगे। नरेश का आरोप है कि डॉक्टर ने उनके साथ धोखाधड़ी की है।

सीएम हैल्पलाइन में की शिकायत, अभी तक नहीं हुई कार्रवाई

नरेश का ये भी कहना है कि डॉक्टरों का मरीजों के प्रति रवैया ठीक नहीं है। गरीब मरीजों को इलाज करवाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में कोई रास्ता न दिखते हुए तीमारदार ने अक्तूबर माह में सीएम हैल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कर दी है लेकिन अभी तक शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

डॉक्टर कॉल कर तीमारदार से मांग रहा माफी

शिकायत करने के बाद डॉक्टर जरूर तीमारदार को कॉल कर माफी मांग रहे हैं और 50 हजार रुपए वापस करने की बात कर रहे हैं, ऐसे में साफ पता चलता है कि आईजीएमसी में योजनाओं के नाम पर क्या गोरखधंधा चल रहा है। इसका एक ऑडियो भी जारी किया गया है, जिसमें डॉक्टर तीमारदार से बात कर रहा है और पैसे देने की पेशकश कर रहा है। 

क्या बोले आईजीएमसी के एमएस

वहीं अस्पताल के एमएस डॉ. जनक राज का कहना है कि उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। जिस तीमारदार के साथ ऐसा हुआ है वह अपनी शिकायत उनसे करें तो मामले को लेकर जांच की जाएगी। आईजीएमसी में पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि कार्ड पर ऑप्रेशन किए जाएं। गरीब मरीजों की सहायता के लिए हम बिल्कुल तैयार हैं। किसी भी मरीजों को अगर कार्ड से संबधित कोई दिक्कत आती है तो वह हमसे संपर्क करे और ऑप्रेशन के लिए जो भी सामान तय किए गया है वो कमेटी द्वारा तय किया जाता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया रटारटाया जवाब

उधर, इस मामले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार सिर्फ विभागीय कार्यवाही की बात करके अपना पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं। पूछने पर उन्होंने सिर्फ वही रटारटाया जवाब दिया कि आरोप साबित होने पर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही होगी लेकिन किस स्तर की कार्यवाही होगी इसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री के पास भी नहीं था।

Vijay