यहां खड्ड में धकेली जा रही डंपिंग साइट की गंदगी

Wednesday, Jun 05, 2019 - 09:07 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): जिला मंडी के सुंदरनगर में एन.जी.टी. व नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही हैं। आलम यह है कि दशकों पुरानी चंदपुर डंपिंग साइट पिछले कई वर्षों से हजारों टन कचरे से भर चुकी है। वहीं यहां जमा टनों के हिसाब से कचरे के निष्पादन के लिए शहरी विकास विभाग तमाम दावों के बावजूद कुछ भी नहीं कर पाया है। अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए अब डंपिंग साइट से गले-सड़े कूड़े-कचरे को साथ लगती घांघल खड्ड में डंप किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से यहां जमे हुए कूड़े को बी.बी.एम.बी. मशीनरी साथ लगती खड्ड में धकेलने में जुटी हुई है। अभी तक बी.बी.एम.बी. मशीनरी द्वारा हजारों टन कचरा घांघल खड्ड में फैंका जा चुका है।

मॉडल टाऊन बनाने की मुहिम हुई फेल

वर्ष 2014 में हिमाचल सरकार के शहरी विभाग द्वारा डच कंपनी नेक्सन नोवस से हुए इकरार के तहत सुंदरनगर को नीदरलैंड की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरु की गई थी। इसके तहत नीदरलैंड से तकनीकी सहयोग से शहर को कचरा मुक्त करने, ठोस कचरा प्रबन्धन, मल निकासी, ऊर्जा सरक्षण व क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने थे। इस योजना के सर्वे के लिए ही 50 लाख रुपए का प्रावधान था, जिस पर उस समय जहां शहरी विभाग के निदेशक सहित जिला प्रशासन ने सुंदरनगर को मॉडल सिटी बनाने के लिए नीदरलैंड फिजीविलिटी सर्वे टीम व स्वयंसेवकों संग सर्वेक्षण किए थे लेकिन नीदरलैंड की तर्ज पर सुंदरनगर आज तक मॉडल टाऊन के रूप में विकसित ही नहीं हो पाया है।

खड्ड में डंप करने से लाखों की जान पर मंडरा रहा खतरा

डंपिंग यार्ड की गंदगी खुलेआम खड्ड में फैंकने से यह बरसात में बह कर घांघल, लिंड्डी, सुकेती, कंसा व अन्य खड्डों व विभिन्न पेयजल योजनाओं को दूषित करते हुए ब्यास दरिया में मिलेगी। जहां से यह दूषित पानी आगे बहता हुआ दूसरे राज्यों में पहुचेगा। वहीं गंदगी किसानों के खेतों व जीवन को भी बर्बाद करेगी।

क्या कहती है सुंदरनगर नगर परिषद

सुंदरनगर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा का कहना है कि एन.जी.टी. के दिशा-निर्देश व शहरी विकास विभाग के सहयोग से पॉलिवेस्ट मैनेजमैंट रूल 2016 के तहत शहर के हर घर से नप के वाहनों द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जा रहा है। सभी वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम लगाया गया है। इसके उपरांत एकत्रित किया गया कूड़ा वाहनों के माध्यम से डंपिंग साइट पर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डंपिंग साइट पर कई वर्षों से पड़े हुए कूड़े को साफ करने के लिए सरकार की सहायता ली जा रही और सरकार की तरफ से ट्रॉमेल, कंपैक्टर सहित इंसिनेटर मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इन्हें जल्द की डंपिंग साइट पर स्थापित किया जाएगा। अभी मैनुअल तरीके से डंपिंग साइट पर काम किया जा रहा है लेकिन फिर भी डंपिंग साइट खाली नही हो रही है, जिस कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। न गलने व सडऩे वाला कूड़ा बिलासपुर जिला के बरमाणा में स्थित सीमैंट फैक्टरी को उपयोग के लिए भेजा रहा है।

एन.जी.टी. से जल्द की जाएगी मामले की शिकायत

जुगाहन पंचायत उपप्रधान श्याम लाल ने कहा कि पिछले लम्बे समय डंपिंग साइट के कूड़े के समाधान की मांग की जा रही लेकिन न तो बी.बी.एम.बी. और न ही प्रसाशन इस संदर्भ में कोई ठोस योजना बना पा रहे हैं। इसके चलते दर्जनों गावों के हजारो बाशिंदे दूषित वातावरण में नर्क भरी जिंदगी जीने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि मामले को सरकार और प्रसाशन के सामने कई बार उठा चुके हैं लेकिन समस्या का हल नहीं निकल पाया है अब जल्द ही मामले की शिकायत एन.जी.टी. से की जाएगी।

क्या बोले एस.डी.एम. सुंदरनगर

एस.डी.एम. सुंदरनगर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि बी.बी.एम.बी. द्वारा खड्ड में डंपिंग साइट की गन्दगी धकेलने की जानकारी मिली है। मामले की छानबीन कर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

Vijay