यहां NGT के आदेशों को सीधी चुनौती, रात के अंधेरे में जलाया जा रहा कूड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 03:51 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर): नगर परिषद कुल्लू के पास कूड़े को डंप करने के लिए कोई डंपिंग साइट नहीं है लेकिन शहर में कूड़े को निष्पादित करने का नप और लोगों ने नया तरीका ढूंढ निकाला है। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेरों को आग के हवाले किया जा रहा है। पीपल जातर के बाद शहर में यही क्रम दोहराया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कूड़े के ढेर में आग लगाकर कौन अपनी जान छुड़वाना चाह रहा है। कूड़े को शहर के बीचोंबीच जलाए जाने से न केवल शहरवासियों की सेहत पर इसका असर पड़ रहा है, बल्कि एन.जी.टी. के नियमों की भी धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं। एन.जी.टी. व पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर कूड़े के ढेरों में आग लगाई जा रही है।
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सरवरी में आग से बचाई 3 लाख की संपत्ति

3 दिन पहले ही सरवरी में कूड़े में आग लगाई तो साथ लगते शौचालय को खतरा हो गया। रात को दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाकर 3 लाख की संपत्ति जलने से बचाई। सरवरी पार्क में रविवार रात को भी अंधेरे में कूड़े को आग के हवाले किया। कूड़े के जलने से देवदार के हरे-भरे पेड़ भी झुलस गए। शहर के अन्य वार्डों में कूड़े के ढेरों को जलाया जाना अब आम हो गया है। सीधे तौर पर कहें तो नगर परिषद ने कुल्लू शहर में कूड़े की समस्या के आगे हाथ खड़े कर दिए हैं।
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कब मिलेगी कूड़े से निजात, कहना है मुश्किल

नगर परिषद कुल्लू की ओर से आईमा पंचायत की तर्ज पर बनने वाला कूड़ा संयंत्र अभी शुरू नहीं हो पाया है, ऐसे में लोगों को कब कूड़े की समस्या से निजात मिलेगी, फिलहाल यह कहना मुश्किल है। दूसरी ओर नगर परिषद के अधिकारी भी कूड़े की समस्या को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से कूड़ा जलाने वालों पर एक लाख जुर्माना रखा गया है।
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प्रशासन कूड़े की समस्या से निपटने में नाकाम

वहीं स्थानीय लोग भी इस समस्या को लेकर चिंतित हैं। कुल्लू के जितेंदर का कहना है कि प्रशासन कूड़े की समस्या से निपटने में नाकाम साबित हुआ है। शहर के बीचोंबीच इतनी अच्छी जगह पर पार्क बना है जो कभी बहुत खूबसूरत हुआ करता था लेकिन प्रशासन की नाकामी और ढुलमुल रवैये के चलते अब वो पार्क सिर्फ गंदगी का ढेर बन कर रह गया है। प्रशासन को पार्कों की हालात सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को घूमने-फिरने और बैठने के लिए कोई जगह मिल सके।


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Vijay

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