Himachal: न पुलिस आई, न हथकड़ी लगी... फिर भी हो गया ''अरैस्ट''! रिटायर्ड कर्मचारी काे ऐसे लगी ₹6.5 लाख की चपत
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 02:45 PM (IST)
अम्ब (अश्विनी): साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से आम जनता की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अम्ब उपमंडल का है, जहां डिजिटल अरैस्ट और पुलिस कार्रवाई का भय दिखाकर एक सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से 6.5 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। पीड़ित मूल रूप से अम्ब और जसवां क्षेत्र की सीमा पर स्थित एक गांव का निवासी है, जबकि उसका परिवार अमृतसर में रहता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित पंजाब राज्य से सेवानिवृत्त होने के बाद इन दिनों अपने गांव में रह रहा था। बीते दिन शाम करीब 4 बजे उसे एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए दावा किया कि दिल्ली स्थित केनरा बैंक में 6.5 करोड़ रुपए का बड़ा फ्रॉड हुआ है। कथित जांच अधिकारी ने कहा कि इस मामले में 243 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें पीड़ित का नाम भी शामिल है।
ठगों ने पीड़ित को डराने के लिए कहा कि उसके नाम से एक डुप्लीकेट सिम जारी हुई है, जिसका इस्तेमाल डकैती और अन्य अपराधों में किया गया है। पीड़ित को विश्वास में लेने के लिए ठगों ने वीडियो कॉल की, जिसमें उन्होंने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी, कंधों पर स्टार लगे थे और पीछे पुलिस थाने जैसा दृश्य दिखाई दे रहा था।
ठगों ने गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए कहा कि अगर वह खुद को निर्दोष साबित करना चाहता है तो उसे तुरंत 6.5 लाख रुपए जमा करवाने होंगे। उन्होंने झांसा दिया कि जांच पूरी होते ही पैसे वापस कर दिए जाएंगे। साथ ही धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके परिवार की जान को खतरा हो सकता है। मानसिक दबाव और डर के कारण पीड़ित हिमाचल से सीधा अमृतसर पहुंचा। वहां उसने अपनी 5 लाख रुपये की एफडी तुड़वाई और बाकी रकम बचत खाते से निकालकर कुल 6.5 लाख रुपए ठगों द्वारा बताए गए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
पैसे ट्रांसफर होने के बाद ठगों का लालच बढ़ गया और उन्होंने 5 लाख रुपए और मांगते हुए लगातार 17 कॉल कर डालीं। पति की अत्यधिक घबराहट और बेचैनी देखकर पत्नी को शक हुआ। जब पत्नी ने सख्ती से पूछताछ की, तो पीड़ित ने सारी बात बताई, जिसके बाद ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित परिवार ने साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवा दी है।
इस मामले पर एएसपी ऊना सुरेंद्र शर्मा ने कड़े शब्दों में कहा कि भारतीय कानून में डिजिटल अरैस्ट नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। यह 100 फीसदी ठगी है। उन्हाेंने बताया कि पुलिस या कोई भी जांच एजैंसी फोन पर पूछताछ नहीं करती है और न ही कभी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी होती है। कोई भी एजैंसी जांच के नाम पर पैसों की मांग नहीं करती। यदि किसी को ऐसी कॉल आए तो घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत साइबर क्राइम हैल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

