स्थगन प्रस्ताव खारिज होने पर सदन में हंगामा, विपक्ष का वाकआऊट
punjabkesari.in Monday, Dec 13, 2021 - 08:29 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला) (जिनेश): विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव खारिज होने पर वाकआऊट किया। प्रदेश सरकार के विभागों में चोर दरवाजे से नौकरियां देने, आऊटसोर्स व करुणामूलक नियुक्ति के लिए नियम नहीं होने पर विपक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव विधानसभा में रखा था। जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे शुरू हुई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक रामलाल ठाकुर खड़े हो गए और प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत कुछ कहने लगे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उन्हें बैठने के लिए कहा, इस बीच कांग्रेस के विधायक एक के बाद एक खड़े होने शुरू हो गए। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विधानसभा में एक नई प्रथा शुरू कर दी गई है कि विपक्ष द्वारा लाए गए विषयों पर चर्चा नहीं करवाई जा रही है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि 15 दिसम्बर को प्रश्नकाल के दौरान इससे संबंधित प्रश्न लगे हैं, जिस पर सभी विधायक अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थगन प्रस्ताव के तहत 3 विषय एक साथ नहीं लाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव में रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, सुंदर सिंह ठाकुर, विनय कुमार व विक्रमादित्य सिंह ने दोपहर बाद 12:55 बजे प्रस्ताव संबंधित सूचना दी थी, लेकिन विधानसभा के नियमों के तहत एक से अधिक विषय को स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे ही में विपक्षी कांग्रेस द्वारा दिए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार की ओर से प्रस्ताव को निरस्त करने से गुस्साए कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ देर बाद नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच बेल में आकर बैठ गए। इस बीच प्रश्नकाल शोर शराबे के बीच में चलता रहा और एक के बाद एक कांग्रेसी विधायक सरकार के खिलाफ भाषण देते रहे। भाषण के दौरान सदन के बीचोंबीच बैठे कांग्रेसी विधायक नारेबाजी करते रहे। भाषण देने के बाद में विपक्ष के सदस्यों ने वाकआऊट कर दिया। प्रश्नकाल खत्म होने के बाद विपक्ष के सदस्य सदन में लौट आए। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सदन को अवगत करवाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वाराणसी में आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए हैं। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को विधायी कार्यों के लिए अधिकृत किया है।
जल्द ही करुणामूलक आश्रितों को मिलेगा रोजगार : महेंद्र
मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में सरकार के वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि करुणामूलक के लंबित मामले कांग्रेस कार्यकाल के ही हैं। भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद करीब 900 करुणामूलक आश्रितों के आवेदकों को नौकरी दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने माना कि शीघ्र ही करुणामूलक आश्रितों से जुड़े मामले में रोजगार प्रदान किया जाएगा। आऊटसोर्स के मामले में उन्होंने कहा कि आऊटसोर्स की प्रवृति को लाने वाली कांग्रेस है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए वर्ष 2012 में बिना किसी नीति के तहत भर्तियां की गईं।