बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 28 क्विंटल देसी घी श्रद्धालुओं ने चढ़ाया

punjabkesari.in Thursday, Jan 13, 2022 - 10:43 AM (IST)

कांगड़ा (अविनाश) : मकर संक्रांति पर जिला स्तरीय घृत पर्व के आयोजन पर शक्तिपीठ मां श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 28 क्विंटल देसी घी श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया गया है। वहीं पुजारी वर्ग द्वारा 28 क्विंटल देसी घी को मक्खन में बदल दिया गया है। मक्खन बनाने के लिए देसी घी दान में बढ़ोतरी भी हो सकती है। ठंड के बावजूद देसी घी को शीतल जल में एक सौ एक बार धोकर मक्खन बनाने के दौरान हाथ सुन्न से हो जाते हैं, परंतु मां के आशीर्वाद से यह काम जारी रहता है। पुजारियों का कहना है कि मां के आशीर्वाद से घृत पर्व के सभी कार्य स्वयं हो जाते हैं। घृतमंडल पर्व मकर संक्रांति से लेकर सात दिन तक चलता है। इस दौरान लोग मंदिर में माता के इसी रूप का दीदार करते हैं। सात दिन बाद इस मक्खन को माता की पिंडी से उतारा जाता है। उसके बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

मान्यता है कि माता की पिंडी पर मक्खन चढ़ने के बाद यह औषधि बन जाता है। लोग इसे व्याधि या अन्य चर्म रोगों को दूर करने के लिए प्रयोग करते हैंए लेकिन इसे खाने के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद ने बताया कि इस मक्खन रूपी प्रसाद से घाव फोड़े आदि पर लगाने से उनका उपचार हो जाता है। प्रदेश सहित अन्य राज्यों के हजारों श्रद्धालु प्रसाद लेने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर सहायक आयुक्त अभिषेक वर्मा ने बताया कि मकर सक्रांति व घृत मंडल पर्व के आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने के लिए प्रशासन ने तमाम कार्य पूरे कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण मंदिर परिसर में कार्य करने वाले प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी व पुजारी वर्ग को कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भी कोरोना नियमों का पूरी तरह पालन करना पड़ेगा।
 


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Content Writer

prashant sharma

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