देवसदन में 5 करोड़ से बनेगा देव म्यूजियम

Wednesday, Mar 13, 2019 - 07:54 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): जिला देवी-देवता कारदार संघ की साधारण बैठक देवसदन के सभागार में अध्यक्ष जयचंद ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें जिलाभर के 200 से अधिक कारदारों ने भाग लिया और बैठक में देवी-देवता कारदार संघ की समस्या व देव संस्कृति के संरक्षण, संवद्र्धन व प्रचार-प्रसार के लिए विस्तार से चर्चा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देवी-देवताओं के कब्जे वाली भूमि को देवी-देवता के नाम पर लगाया जाए, जिसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा। इंटेक के अधिकारियों की सर्वे टीम ने भी बैठक में भाग लिया और निर्णय लिया गया कि संस्कृति मंत्रालय को कुल्लू जिला के सभी देवी-देवताओं की धार्मिक परंपरा का सर्वे कर डी.पी.आर. बनाकर भेजी जाएगी। इसमें सभी देवी-देवताओं के हैरिटेज व धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से कारदार संघ व देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से देव संस्कृति के संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

जनरल हाऊस में 190 कारदारों ने लिया भाग

जिला देवी-देवता कारदार संघ के महासचिव नारायण सिंह ने बताया कि कारदार संघ के जनरल हाऊस में करीब 190 कारदारों ने भाग लिया। इसमें देवी-देवताओं के कब्जे वाली भूमि को चिन्हित कर देवी-देवताओं के नाम पर लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि कुल्लू जिला देवी-देवता कारदार संघ से मिलकर देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट देव संस्कृति के संरक्षण के लिए 2006 से लेकर लगातार कार्य कर रहा है। संस्कृति मंत्रालय देव संस्कृति के संरक्षण के लिए आर्थिक तौर पर सहायता करेगा और देवसदन में 5 करोड़ रुपए की लागत से एक देव म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा और सभी देवी-देवताओं का इतिहास, धार्मिक देव परंपरा के साथ अन्य रीति-रिवाजों को लेकर एक डॉक्यूमैंट तैयार किया जाएगा।

देव कारकूनों को मिलेगा लाभ

भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय से मिलने वाली कई स्कीमों का लाभ देव कारकूनों को मिले। इससे देव संस्कृति से जुड़े कारदार, पुजारी, बजंतरी व गूर को 12 रुपए से ट्रस्ट द्वारा 2 लाख रुपए तक का बीमा व बीमारी के लिए 10 लाख रुपए की सहायता का प्रावधान है। इंटक कंपनी के डायरैक्टर रूकमदीन मिर्जा ने बताया कि कुल्लू जिला के देवी-देवता कारदार संघ ने देवसदन में एक देव म्यूजियम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा है और उसके लिए कार्य किए जाएंगे और देवी-देवताओं की धार्मिक पूजा पद्धति, रीति-रिवाज का एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा जिसे संस्कृति मंत्रालय को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय में 8 प्रकार की स्कीमें हैं। सर्वे टीम विभिन्न मंदिरों का निरीक्षण करेगी और मंदिरों में पूजा पद्धति के साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाएगी।

Vijay