हिमाचल : मलबे से निकाले 3 और शव, बारिश से मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 32

Tuesday, Aug 20, 2019 - 11:07 PM (IST)

शिमला/हाटकोटी: हिमाचल प्रदेश में बीते 3 दिनों के दौरान भारी बारिश से मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। उधर, जुब्बल तहसील के सनैल में मंगलवार को प्रशासन द्वारा मलबे में दबे शवों को निकालने का कार्य किया गया। इस दौरान एसडीएम बाबू राम शर्मा की देखरेख में जेसीबी द्वारा 3 शवों को बाढ़ के मलबे से निकाला गया। उपमंडलाधिकारी रोहड़ू बाबू राम शर्मा ने बताया कि तीनों शवों की पहचान कर ली गई है तथा शवपरिजनों को सौंप दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान सुनील कुमार पुत्र जिंदू राम निवासी मसली तहसील चिडग़ांव तथा राम प्रसाद पुत्र सुखमन निवासी उत्तराखंड व संजोग पुत्र सागर (नेपाली) के रूप में हुई है। इसी तरह चौपाल में भी खड्ड में बहे 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है।

मौसम साफ रहने के बावजूद कम नहीं हो रहीं परेशानियां

प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मंगलवार को मौसम साफ रहने के बावजूद परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। जगह-जगह हो रहे भू-स्खलन के कारण बीते 24 घंटों में 35 मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए तथा 174 मकानों को आंशिक रूप से क्षति हुई है। शिमला के कैथू में 2 मकान खतरा होने के चलते खाली करवाए गए। लाहौल-स्पीति के छतड़ू में बी.आर.ओ. और स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से तकरीबन 110 सैलानियों को रैस्क्यू किया गया। इनमें 8 विदेशी भी शामिल हैं।

बरसात से 822.12 करोड़ रुपए का नुक्सान

राज्य आपदा प्रबंधन का दावा है कि 16 अगस्त से अब तक तकरीबन 1,500 लोग रैस्क्यू किए जा चुके हैं। मौसम साफ होने के बाद फील्ड से ताजा जानकारी मिलने के बाद बरसात से सरकारी व गैर-संपत्ति को नुक्सान भी बढ़कर 822.12 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। अकेले पीडब्ल्यूडी की 451.88 करोड़, आईपीएच की 283.86 करोड़, कृषि की 38.36 करोड़, बागवानी की 11.25 करोड़ तथा बिजली बोर्ड की 28 करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हो चुकी है।

5,629 पेयजल, सिंचाई व सीवरेज स्कीमों को पहुंचा नुक्सान

बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद प्रदेश में 5,629 पेयजल, सिंचाई व सीवरेज स्कीमों को नुक्सान पहुंचा है। पेयजल स्कीमों के ठप्प होने से लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश में बंद पड़े सभी एनएच को तकरीबन 50 घंटे बाद बहाल कर दिया गया है लेकिन सड़क किनारे बार-बार हो रही लैंडस्लाइड यातायात में बाधा उत्पन्न कर रही है। इस वजह से सड़क पर जगह-जगह ट्रैफिक जाम लोगों को परेशान कर रहा है।

824 सड़कें अभी भी बंद पड़ीं

प्रदेश में 824 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं। इनमें अकेले शिमला जोन में 308 सड़कें, मंडी जोन में 360 सड़कें, हमीरपुर जोन में 53 तथा कांगड़ा जोन में 103 सड़कें बंद पड़ी हैं। सड़कें अवरुद्ध होने से तकरीबन 460 रूटों पर 700 से अधिक बसों के रूट प्रभावित हुए हैं। इससे लोगों की आवाजाही व सेब की ढुलाई पर बुरा असर पड़ा है।

Vijay