बेटियों ने किया कमाल, अब स्पीड ब्रेकर और फुट स्टैप से पैदा होगी बिजली

Saturday, Jan 25, 2020 - 03:59 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): बीएसएल सीनियर सैकेंडरी स्कूल बीबीएमबी सुंदरनगर की 2 छात्राओं ने देश में बिजली उत्पादन करने के लिए 2 मॉडल तैयार किए हैं, जिसकी हर तरफ सराहना की जा रही है। स्कूल की छात्राओं ने रैक एंड पिनियन मेकैनिज्म की मदद से पावर जैनरेशन की तकनीक तैयार की है। यह मॉडल भविष्य में देशभर में बिना सोलर और हाईडल सिस्टम की मदद से कारगर सिद्ध हो सकता है। इस तकनीक में स्पीड ब्रेकर एंड फुट स्टैप के प्रयोग से विद्युत उत्पादन होगा। शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों में जहां स्पीड ब्रेकर होते हैं वहां पर इसका उपयोग किया जा सकता है, साथ ही रेलवे स्टेशन या अन्य ऐसे स्थानों पर जहां सीढिय़ों पर भारी संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है, वहां भी इस तकनीक की मदद से विद्युत उत्पादन किया जा सकता है।

राजकीय बीएसएल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सुंदरनगर की कक्षा 11वीं की बासु और कक्षा 10वीं की कृतिका ने अपने रैक एंड पिनियन मेकैनिज्म के आविष्कार की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि देश के हाईवे पर टोल प्लाजा पर रैक एंड पिनियन मैकेनिज्म की मदद से पावर जैनरेशन का यह दिन-रात काम करने वाला नया प्रोजैक्ट है। उन्होंने कहा कि गाडिय़ों की बढ़ रही संख्या से यह तकनीक और कारगर होने का दावा करती है। अपने मॉडल को लेकर उत्साहित छात्राओं ने कहा कि इसी तर्ज पर उन्होंने रैक एंड पिनियन मेकैनिज्म पर फुट स्टैप पावर जैनरेशन तैयार किया है। इसे हम वहां पर लगा सकते हैं, जहां भी सीढिय़ां होती हैं। जैसे-जैसे लोग सीढिय़ों पर चलेंगे वैसे ही इस सिस्टम की मदद से विद्युत का उत्पादन होगा।

छात्रा बासु और कृतिका ने बताया कि देश की बढ़ती जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए यह मॉडल तैयार किया है जो दिन-रात काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह मॉडल सोलर लाइट से भी कारगर है क्योंकि सोलर एनर्जी सूर्य की रोशनी में तैयार की जा सकती है लेकिन फुट स्टैप पावर जैनरेशन से 24 घंटे बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट भारत में नहीं बल्कि अन्य देशों इंडोनेशिया, न्यू जर्सी अमेरिका और चाइना में भी चल रहा है जहां पर इससे बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। अगर यह भारत में भी उपयोग में लाया जाता है तो इससे बिजली उत्पादन किया जा सकता है।

पाठशाला के प्रधानाचार्य डॉ. एमआर गौतम ने इस संदर्भ में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पाठशाला में बने सकारात्मक वातावरण का परिणाम है। उन्होंने इसका श्रेय विज्ञान अध्यापकों की कड़ी मेहनत को तथा बच्चों की अनुशासनात्मक प्रवृत्ति को दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार पाठशाला व बीबीएमबी परियोजना का नाम रोशन करते रहने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा।

Vijay