डैहर बाल आश्रम के छात्र की मौत मामले में आया नया मोड़(Video)

Saturday, May 04, 2019 - 12:09 PM (IST)

मंड़ी(नितेश सैनी): सुंदरनगर के डैहर बाल आश्रम में रहने वाले छात्र की मौत के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। बता दें कि अमन निवासी भवाणा तहसील सुंदरनगर के परिजनों ने बाल आश्रम के एक सीनियर छात्र पर मारपीट व प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को मृतक के मामा रमेश व अमर सिंह ने कहा कि मृतक के पिता की एक वर्ष पहले मृत्यु होने पर बाल आश्रम में छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि उनका भांजा 7वीं कक्षा में पढ़ता था। उन्होंने कहा कि उनके भांजे की टांग में दर्द होने के कारण उसका भाई बाल आश्रय उसे देखने गया था।

उन्होंने कहा कि इस पर बाल आश्रम प्रबंधन ने उनके भांजे को अस्पताल में चेकअप करवाने के बाद दवाई दी। उन्होंने कहा कि इसके दो-तीन दिन के बाद बाल आश्रम प्रबंधन ने उन्हें फोन कर उनके भांजे की हालत खराब होने पर वापिस घर ले जाने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को हम अपने भांजे को सिविल अस्पताल सुंदरनगर इलाज के लिए ले आए। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल सुंदरनगर में इलाज के दौरान उनके भांजे की हालत में कोई भी सुधार नहीं हो रहा था और टांग में सोजिश लगातार बढ़ती जा रही थी। इस कारण उनके भांजे को आगामी इलाज के लिए आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया। लेकिन शिमला में भी उनके भांजे की हालत में कोई सुधार नहीं होने पर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान उनका भांजा अपनी माता से कुछ बता रहा था और दोनों रोए जा रहे थे। इस पर भांजे को बार-बार पूछने पर मृतक ने उन्हें बताया कि एक सीनियर बच्चे द्वारा उसके साथ लोहे की पाईप से पैर व टांग पर मारपीट करने के साथ-साथ रात 11-12 बजे तक मुर्गा बना कर प्रताडि़त किया जाता था। वहीं 30 अप्रैल को नाबालिग की पीजीआई चंडीगढ़ में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक के मामा ने उनके भांजे की इस आपबीती को अपने कैमरे में कैद कर लिया। परिजनों ने मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है और पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए बाल आश्रम में दबिश देकर जांच जारी कर दी है।

बाल आश्रम सुंदरनगर के उपाध्यक्ष बैरागी राम ने बताया कि बाल आश्रम का प्रत्येक माह अतिरिक्त जिला सत्र एवं न्यायाधीश मंडी द्वारा निरक्षण किया जाता है। इसके साथ बाल गृह का सीडब्लयूसी द्वारा भी समय-समय पर निरक्षण के साथ बच्चों की काउंसलिंग की जाती है। अगर मारपीट को लेकर कोई शिकायत हुई होती तो मामला इनके संज्ञान में जरूर आना था।

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