दूसरे राज्यों से हिमाचलियों से ठगी के प्रयास कर रहे साइबर शातिर

Monday, May 27, 2019 - 10:58 AM (IST)

शिमला (राक्टा): राज्य साइबर पुलिस स्टेशन ने साइबर शातिरों के मोबाइल नंबरों की एक सूची तैयार की है। इस सूची में करीब 9 राज्यों के 382 मोबाइल नंबर शामिल हैं और सभी नंबरों के माध्यम से हिमाचल में भोलेभाले लोगों को ठगने के प्रयास हुए हैं। शातिर आरोपी झारखंड, बिहार व दिल्ली सहित अन्य राज्यों में बैठकर हिमाचल के लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इसके साथ ही पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तराखंड में भी इस तरह के धोखेबाज सक्रिय हैं। ऐसे में संदिग्ध मोबाइल नंबरों की सूची अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तचर विभाग अशोक तिवारी ने संबंधित राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को उचित कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दी है। 

पुलिस उपाधीक्षक नरवीर सिंह राठौर के अनुसार उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, नई दिल्ली व अंडमान निकोबार के पुलिस महानिदेशक को यह सूची प्रेषित की गई है। उन्होंने बताया कि सूची में शामिल 382 मोबाइल नंबर उक्त राज्यों के टैलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही संबंधित सूची टैलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स को भी कार्रवाई के लिए भेजी गई है।नरवीर राठौर ने बताया कि राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला ने चालू वर्ष के अंतर्गत उन सभी मोबाइल नंबरों की सूची तैयार की है जिनके द्वारा आम जनता को ठगने के प्रयास हुए हैं।

उन्होंने बताया कि ये सभी नंबर बाहरी राज्यों के टैलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स के हैं। राठौर ने बताया कि किसी भी संदिग्ध के संदर्भ में साइबर पुलिस स्टेशन में फोन व ई-मेल के माध्यम से भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अब शातिर ठग फेसबुक के माध्यम से अपने टारगेट को चूज कर रहे हैं। आम जनता किसी तरह के प्रलोभनों में न आए और सतर्क रहे। चालू वर्ष में अब तक साइबर पुलिस स्टेशन को वित्तीय धोखाधड़ी की 276 शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके तहत त्वरित कार्रवाई करते हुए करीब 4 लाख से अधिक की राशि शिकायतकर्ताओं को धोखेबाजी करने वाले के अकाऊंट से रिफंड करवाई गई है।

शिकार के अनुसार प्रोफाइल

जांच में सामने आया है कि शातिर ठग इंडिया में सक्रिय होते हैं जबकि दूसरे को लगता है कि वे विदेश में बैठ व्यक्ति से संपर्क में हैं। जिसे वे अपना निशाना बना रहे होते हैं, उसके समक्ष ऐसा जाल बिछाया जाता है।आरोपी मोबाइल फोन पर व्हाट्स एप को उस विदेशी नंबर से इनेबल करते हैं, जहां उन्हें ठगी करनी हो। आरोपी टारगेट के अनुसार अपनी प्रोफाइल को अपडेट करते हैं।

फेसबुक में टारगेट को चूज कर रहे धोखेबाज

ई-मेल और एस.एम.एस. के बाद अब साइबर शातिर फेसबुक का सहारा ले रहे हैं। साइबर थाना पुलिस को मिली शिकायतों के विश्लेषण पर सामने आया है कि साइबर ठग फेसबुक पर अपने टारेगट को चूज करते हैं। इसके तहत फेक प्रोफाइल बनाकर फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजी जाती है। इतना ही नहीं, आम लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए आरोपी जिस देश का फ्रैंड बनाया, उस कंट्री का वर्चुअल नंबर लेते हैं। शिकार भारत का हो तो यहां का वर्चुअल नंबर यदि अमरीका व ब्रिटेन का हो तो वहां का। वर्चुअल नंबर एक ऐसी सर्विस है जिसे कोई भी आदमी खरीद सकता है।

विकसित देशों की अपेक्षा कम जागरूक

दुनियाभर में इंटरनैट और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच डाटा चोरी एक गंभीर समस्या बनकर उभरकर सामने आई है। प्राय: यह देखने में आया है कि अधिकतर लोग डाटा की बढ़ती उपयोगिता और उसकी सुरक्षा को लेकर विकसित देशों की अपेक्षा कम जागरूक व संजीदा हैं। यहां पर कई कंपनियां अपने ग्राहकों का बड़ी संख्या में डाटा एकत्रित कर रही हैं जिसका दुरुपयोग होने से ग्राहकों को भारी आर्थिक नुक्सान होने की संभावना बनी रहती है।

Ekta