टांडा में सीटी स्कैन-एमआरआई मशीन खराब, यूरिन सहित अन्य टैस्ट की सुविधा भी ठप्प

punjabkesari.in Tuesday, Dec 08, 2020 - 10:22 AM (IST)

कांगड़ा (किशोर): कोरोना के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा। राज्य के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कालेज टांडा में कई छोटी व बड़ी मशीनें खराब होने के कारण रोगियों का उपचार नहीं हो रहा। जिसको लेकर रोगी परेशान है तथा मजबूरी में निजी अस्पतालों में अपना ईलाज करवाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसके लिए उन्हें भारी भरकम राशि अदा करनी पड़ रही है। किसी भी रोग के उपचार के लिए चाहे वह गायनी विभाग की महिला रोगी हो या फिर मेडिसन विभाग या फिर किसी अन्य उपचार हेतू पेशाब का टैस्ट करवाना हो तो वह भी यहां नहीं हो रहा। इतना ही नहीं इसी टैस्ट की 3 महीने की रिपोर्ट के लिए करवाया जाने वाला एचबीए1 सी का टैस्ट भी नहीं हो रहा। अस्पताल में पीटीआईएनआर जोकि लीवर, दिल के रोगी या किसी भी आप्रेशन हेतू डाक्टरों द्वारा रेागी का टैस्ट करवाना होता है, वह भी सरकारी प्रयोगशाला में नहीं हो रहा। इसी प्रकार सी.टी. स्कैन व एम.आर.आई. मशीन कई माह से खराब होने के कारण रोगियों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है। इसी प्रकार न्यूरोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण टैस्ट जोकि कैंसर के रोगियों के लिए करवाने होते हैं, उसके लिए भी लम्बे समय से इस टैस्ट को करवाने के लिए प्रदेश के  इतने बड़े अस्पताल में मौजूद नहीं है।

कंपनी को मशीनरी ठीक करने को लिखा पत्र
टांडा अस्पताल के एम.एस. डा. सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि यह टैस्ट सरकारी लैब में न होकर एस.आर.एल. लैब में किए जाते हैं। वहीं, सी.टी. स्कैन व एम.आर.आई. मशीन को ठीक करवाने के लिए कम्पनी को लिखा गया है तथा उनके आते ही मशीन को जल्द ठीक करवा दिया जाएगा।
 


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Jinesh Kumar

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