हिमाचल के सेब कारोबार पर छाए संकट के बादल, बागवानों ने विभाग पर लगाए ये गंभीर आरोप

Wednesday, Aug 07, 2019 - 05:26 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल की अर्थव्यवस्था में सेब का कारोबार 4 हजार करोड़ से ज्यादा का है लेकिन अफसोफ बागवानी विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली सेब बागवानों पर भारी पड़ रही है। सेब बागवानी के लिए देश-विदेश से करोड़ों की परियोजनाएं आ रही हैं, बावजूद इसके धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। दरअसल बागवानी विभाग ने शिमला के एक होटल में बागवानों के लिए एक वर्कशाप रखी, जिसको लेकर बागवानों की नाराजगी साफतौर से देखने को मिली। बागवानों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि होटल में बागवानों के लिए वर्कशॉप लगाना बेमानी है। बागवानों की धरातल पर अपनी दिक्कतें हैं, जिनसे बागवानी विभाग का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। विभाग के वैज्ञानिक न तो हिमाचल की भूगौलिक परिस्थितियों के मुताबिक कोई शोध कर रहे हैं और न ही उनके अनुसार सेब की आधुनिक किस्मों पर काम कर रहे हैं।

बागवानी पर लागत ज्यादा व कम हो रहा मुनाफा

उन्होंने कहा कि जो वास्तव में बागवान हैं वे तो 365 दिन अपने खेतों में व्यस्त रहते हैं। होटलों की बैठकों में तो माल रोड के बागवान आते हैं। सेब के उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है और फसल उगाने में लागत बढ़ रही है। अब बागवानी पर लागत ज्यादा व मुनाफा कम हो रहा है। बगीचों में सेब के पेड़ काफी पुराने हो चुके हैं। इसलिए विभाग से सेब के पौधे मांगे जाते हैं तो 100 मांग के बदले 25 ही पौधे मिलते हैं।

क्या कहता है बागवानी विभाग

वहीं बागवानी विभागका कहना है कि विभाग किसानों की समस्या से अवगत है और सेब संकट को देखते हुए ही सैमीनार का आयोजन किया गया है। विभाग आने वाले दिनों में किसानों के खेतों में जाकर शोध करेगा। किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए सेब की अच्छी किस्म के पौधे भी मुहैया करवाए जाएंगे। किसानों ने मांग की है कि बागवानी विभाग को ग्रामीण स्तर पर कमेटियां गठित कर बागवानों की समस्याओं के आधार पर हल खोजने चाहिए ताकि सेब की फसल पर मंडरा रहे संकट के बादल छंट सकें।

Edited By

Simpy Khanna