बाहरी राज्यों में बिकेंगे शिल्पियों व कारीगरों के उत्पाद, हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने शुरू किए प्रयास

Saturday, Dec 07, 2019 - 11:24 AM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के शिल्पियों व कारीगरों के उत्पाद बाहरी राज्यों में बिकेंगे। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने इसको लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वहां के अधिकारियों से चर्चा की है। इस चर्चा के बाद मध्य प्रदेश के निगम ने हिमाचल प्रदेश के लिए उत्पादों को बेचने के लिए काऊंटर उपलब्ध करवाने पर सहमति दी है। 

इसके अलावा प्रदेश में भी मध्य प्रदेश के उत्पादों की बिक्री के लिए काऊंटर को खोले जाने की अनुमति दी जाएगी। संजीव कटवाल ने संपर्क करने पर बताया कि हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति लगभग एक जैसी है। दोनों राज्यों में जनजातीय क्षेत्र है, जहां पर स्टोन क्राफ्ट अधिक होता है। मध्य प्रदेश में प्रमुख रूप से हिमाचली शॉल, टोपी और मफलर सहित अन्य उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। मध्य प्रदेश में पत्थर के साथ-साथ लकड़ी व मैटल की नक्काशी अधिक होती है। दोनों राज्यों के कारीगरों के हुनर को मंच प्रदान करने के लिए एक्सचेंज कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वह इस विषय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अधिकारियों के साथ मंत्रणा करेंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के अधिकारियों को प्रदेश आने का न्यौता दिया गया है। इस दौरान दोनों राज्यों के बीच इसको लेकर बात आगे बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने आने वाले समय में 320 पदों को भरने का निर्णय लिया है। इन पदों को चरणबद्ध तरीके से भरा जाएगा ताकि निगम के कामकाज में और सुधार लाया जा सके। राज्य में इस समय हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम के 13 इम्पोरियम चल रहे हैं। इनमें हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री की जा रही है। अब आने वाले समय में दूसरे राज्यों में भी प्रदेश के उत्पाद बिक सकेंगे।

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Simpy Khanna