फोरलेन निर्माण से मकानों में आई दरारें, 8 परिवारों ने छोड़े रिहायशी मकान

punjabkesari.in Sunday, Apr 03, 2022 - 11:16 PM (IST)

बिलासपुर (राम सिंह): सारी जिंदगी की कमाई से तैयार किए गए आशियाने एकाएक फोरलेन निर्माण कंपनी और एनएचएआई की लापरवाही के कारण रातोंरात भारी खतरे में आ जाने से उन मकानों में रह रहे करीब 70-80 पुरुष, महिलाएं व बच्चे बेघर होकर रहे गए हैं। गंभरोला ट्रेसल के पास मंडी-भराड़ी के इन 7-8 परिवारों के मकानों में भयंकर दरारें आ गई हैं और किसी भी समय वह सभी मकान एक ही झटके में गिरकर परिवारों के जीवन को हानि पहुंचाने का कारण बन सकते हैं। इस पहाड़ी पर बसे गांव के निकट बिल्कुल नीचे बनाई जा रही फोरलेन एक्सप्रैस हाईवे सड़क के किनारे भारी कटान किया गया है। इस घटना के शिकार ग्रामीणों 80 वर्षीय सुंखादेवी, बाबूराम, सुंदर और दौलतराम आदि ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों सहित कहा कि फोरलेन सड़क का निर्माण कर रही गाबर कंपनी और एनएचएआई की लापरवाही के कारण उनके मकानों व जमीन को भारी नुक्सान पहुंचा है। 
PunjabKesari, Villager Protest Image

उन्होंने जोरदार नारे लगाते हुए फोरलेन सड़क निर्माण कंपनी द्वारा किए जा रहे कटान का विरोध किया। उन्होंने बताया कि पिछली रात्रि अचानक कोई 50 बीघा कृषि भूमि नष्ट हो गई है तथा उनके मकानों में बहुत बड़ी-बड़ी गहरी दरारें आ जाने से उनके परिवारों का उनमें रहना जानलेवा बन गया है। इन घरों को अभी कुछ माह पूर्व ही लाखों रुपए व्यय करके निर्मित किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछली रात्रि से ही वे अपने घरों को छोड़कर अन्यत्र रहने को विवश हुए हैं जिस कारण छोटे-छोटे बच्चों व गर्भवती महिला को घर से बाहर रख पाना अत्यंत कठिन हो गया है। बाबू राम ने बताया कि उनकी लड़की की शादी को केवल 2 माह शेष बचे हैं और बिना मकान के शादी कर पाना उनके लिए आसान कार्य नहीं रहा है  जबकि यदि अब कहीं वर्षा हो गई तो उनकी भूमि और मकानों का बच पाना असंभव है।

प्रभावित ग्रामीणों ने कहा कि पिछली शाम एसडीएम सदर सुभाष गौतम मौके पर आए थे जिन्होंने स्थिति का जायजा लिया है लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है जिस कारण उनके मकानों में रखा कीमती सामान भी किसी समय अचानक गिर जाने से दब कर नष्ट हो सकता है। ग्रामीणों ने कहा है कि अब उनके मकान रहने योग्य नहीं रहे हैं और भूमि भी कृषि के लायक नहीं बची है। इसलिए सरकार को इस मामले में तुरंत प्रभावशाली ढंग से हस्ताक्षेप करना चाहिए और न केवल मकानों और भूमि का मुआवजा तुरंत देना चाहिए बल्कि उनके उचित बसाव की व्यवस्था करनी चाहिए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया और उनके बसाव नहीं किया गया तो वे पडगल से लेकर मंडी-भराड़ी तक अपने घरों और भूमि को बचाने के लिए फोरलेन का कार्य ठप्प कर देंगे जिस सबके लिए सरकार, जिला प्रशासन और फोरलेन निर्माण कर रही गाबर कंपनी ही उत्तरदायी होंगे।

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Content Writer

Vijay

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