माकपा ने जारी किया घोषणा पत्र, जानिए बेरोजगारों व मजदूरों के लिए क्या करेगी पार्टी
punjabkesari.in Thursday, Nov 03, 2022 - 07:18 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर माकपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी ने घोषणा की है कि जो भी दल सत्ता में आएगा उस पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने और मजदूरों का मासिक वेतन 26 हजार करने का दबाव बनाएंगे। पार्टी सचिव डाॅ. ओंकार शाद ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि हम इस चुनाव में किसी दल को समर्थन नहीं दे रहे हैं। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बागवानों, किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं के अलावा ओपीएस का मुद्दा प्रमुखता से रखा है। उन्होंने कहा कि जो भी दल सत्ता में आएगा, उससे हम इन मुद्दों को हल करवाने के लिए दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा की नीतियों ने आम जनता के जीवन को बदहाल किया है और दोनों दलों ने विकास के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र में बर्बाद किया है। जनविरोधी नीतियों को बढ़ावा देकर आम जनता को बेरोजगारी, मंहगाई व असमानता की खाई में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि जनता ऐसे विकल्प की तलाश में है जो जनता के पक्ष में नीतियां बनाकर समावेशी विकास करे व जिसका उद्देश्य समानता और सामाजिक न्याय हो।
प्रदेश को पुन: विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर विशेष आर्थिक पैकेज बहाल करवाना मुख्य उद्देश्य
ओंकार शाद ने कहा कि माकपा का मुख्य उदेश्य हिमाचल प्रदेश को पुन: विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर विशेष आर्थिक पैकेज को बहाल करवाना है। वहीं चंडीगढ़ से प्रदेश का 7.19 प्रतिशत हिस्सा लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। प्रदेश के जंगलों की रक्षा करने के बदले में केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष मुआवजा लिया जाएगा। किसानों के कब्जे वाली 5 बीघा भूमि को नियमित किया जाएगा। किसानों के ऋण माफ करने के लिए एकमुश्त योजना को लागू किया जाएगा। आंगनबाड़ी, आशा वर्कर्ज व मिड-डे मील कर्मियों को नियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माकपा 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि 1 सीट पर नयनादेवी से सीपीआई का प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
माकपा ने जनता से किए ये वायदे
- युवाओं को प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता प्रतिमाह 3 हजार देने के लिए संघर्ष करेंगे।
- कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना की बहाली करना।
- बागवानों का सेब प्रति किलो के हिसाब से खरीदने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे।
- नई शिक्षा नीति को रद्द करने के लिए रणनीति बनाएंगे।
- नशाखोरी को रोकने के लिए आंदोलन होगा।
- बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग रखी गई।
- आऊटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा भी रखा गया।
- शिमला शहर में 24 घंटे पानी देने और इसके अलावा शहर के एंबुलैंस रोड को भी ठीक करने का प्रयास किया जाएगा।
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