कोविड मरीजों को आखिरी एक घंटे में दी जा सकती है मतदान की इजाजत

Saturday, Dec 19, 2020 - 11:54 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र): हिमाचल के पंचायत व नगर निकाय चुनाव में कोविड पॉजिटिव मरीजों को अंतिम एक घंटे में मतदान की छूट दी जा सकती है। राज्य चुनाव आयोग ने इसका प्रावधान प्रस्तावित एसओपी में किया है। हालांकि अभी एसओपी स्वास्थ्य विभाग के कमैंट के लिए भेजी गई है। स्वास्थ्य महकमे के कमैंट के बाद इस पर अंतिम फैसला होगा। ऐसे में यदि कोविड पॉजिटिव मरीजों को अंतिम एक घंटे में मतदान की इजाजत दी जाएगी तो चुनाव आयोग प्रत्येक पोङ्क्षलग पार्टी में एक कर्मचारी को पीपीई किट देगा, जो कोविड मरीजों से मतदान करवाएगा। राज्य चुनाव आयोग कोविड पॉजिटिव मरीजों को पोस्टल बैलेट देने पर भी विचार कर चुका है। एसओपी में यह विकल्प भी रखा गया है लेकिन इस काम के लिए बहुत ज्यादा कर्मियों की जरूरत पड़ेगी।

चुनाव लड़ने वाला कोविड पॉजिटिव व्यक्ति नहीं कर पाएगा प्रचार

बिहार में विधानसभा के हाल में संपन्न चुनाव के अलावा कई प्रदेशों में पंचायत व नगर निकाय चुनाव में अंतिम एक घंटे में कोविड मरीजों को मतदान की इजाजत दी गई है। इसलिए राज्य में इस विकल्प पर सहमति बन सकती है। एसओपी में प्रत्येक मतदान कर्मी और मतदाताओं को हैंड सैनिटाइजर, मास्क और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। यदि कोई कोविड पॉजिटिव व्यक्ति चुनाव लड़ता है तो वह चुनाव प्रचार नहीं कर पाएगा। चुनाव प्रचार, रैली, मतदान, मतगणना के दौरान भी एसओपी का पालन करना होगा। राज्य चुनाव आयोग के सचिव सुरजीत राठौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कुछ सुझाव दिए हैं। इनके बाद कुछ संशोधन किए जा रहे हैं। एसओपी को जल्द जारी कर दिया जाएगा।

उत्तराखंड और राजस्थान से लाई जा रहीं मतपेटियां

प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए उत्तराखंड और राजस्थान से मतपेटियां लाई जा रही हैं। इन दोनों प्रदेशों से ज्यादातर मतपेटियां हिमाचल लाई जा चुकी हैं। राज्य चुनाव आयोग ने पंजाब और हरियाणा से भी मतपेटियां मांगी थीं लेकिन इन दोनों प्रदेशों में पंचायत उपचुनाव होने के कारण मतपेटियां नहीं मिल पाईं। उत्तराखंड से 3,500 और राजस्थान से 4,500 मतपेटियां लाई जा रही हैं। शेष मतपेटियां हिमाचल के पास अपनी हैं।

निकाय चुनाव के लिए आरओ व एआरओ तैनात

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और असिस्टैंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) की तैनाती कर दी है। आयोग की अधिसूचना के अनुसार उपमंडलाधिकारी (नागरिक) (एसडीएम) को आरओ और तहसीलदार को एआरओ बनाया गया है। जहां एसडीएम का पद खाली होगा, वहां पर तहसीलदार को आरओ का कार्यभार देखना होगा और नायब तहसीलदार एआरओ का काम देखेंगे।

54.33 लाख से बढ़ सकती है मतदाताओं की संख्या

राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक पंचायत व नगर निकाय में कुल 54,33,168 मतदाता वोटर लिस्ट में शामिल किए जा चुके हैं। इनमें 27,34,154 लाख पुरुष तथा 26,98,709 महिलाएं शामिल हैं। मतदाताओं की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है। एक दिसम्बर 2020 तक 18 साल की आयु पूरा करने वाले व्यक्ति नामांकन के आखिरी दिन से 9 दिन पहले तक वोट बना सकेंगे।

Vijay