MC की बैठक में ऐतिहासिक टाऊन हाल के मुद्दे पर पार्षदों का हंगामा

Friday, Nov 30, 2018 - 10:24 PM (IST)

शिमला: ऐतिहासिक टाऊन हाल पर किसका कब्जा होगा, इस पर सियासत अब तेज हो गई है। हर कोई यही जानना चाहता है कि आखिर टाऊन हाल पर किसका अधिकार होगा। शुक्रवार को नगर निगम की मासिक बैठक में टाऊन हाल के मुद्दे पर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। नगर निगम पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि टाऊन हाल निगम की संपत्ति है, ऐसे में इस पर नगर निगम का अधिकार बनता है। पार्षदों ने जोश-जोश में मामले पर कोर्ट जाने की चेतावनी भी दे डाली। उन्होंने कहा कि यदि टाऊन हाल नगर निगम को नहीं मिलता है तो इस पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

मेयर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई बैठक

शुक्रवार को मासिक बैठक मेयर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान आयुक्त पंकज राय ने सदन को अवगत करवाया कि प्रदेश हाईकोर्ट ने टाऊन हाल बिल्डिंग को कैसे प्रयोग में लाया जाएगा, इस पर सभी पार्षदों के सुझाव मांगे हैं, जिस पर पार्षदों को अपने सुझाव देने होंगे। पार्षद आरती चौहान ने कहा कि टाऊन हाल के बीच वाले फ्लोर में कमर्शियल गतिविधियां चलाई जा सकती हैं व कमलेश मेहता ने कहा कि इनकम जैनरेट करने के लिए कमर्शियल किया जा सकता है, जैसे रैस्टोरैंट इत्यादि।

निगम को ही मिलना चाहिए टाऊन हाल

इसके अलावा किरण बाबा, विवेक शर्मा, शैलेंंद्र चौहान, राकेश चौहान, दिवाकर देव, अर्चना धवन, सुषमा कुठियाला, विदुषी शर्मा, तनुजा चौधरी, संजीव ठाकुर, सुनीलधर व इंद्रजीत सिंह ने कहा कि टाऊन हाल पर नगर निगम का अधिकार है और यह निगम को ही मिलना चाहिए। इसमें निगम का कार्यालय चलाएंगे ताकि एक छत के नीचे लोगों को सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा कुछेक अन्य पार्षदों ने कहा कि टाऊन हाल के एक फ्लोर में कैफेटेरिया खोला जा सकता है, साथ ही किसी बड़ी फूडचेन को इसे दिया जा सकता है, जहां से नगर निगम को राजस्व प्राप्त हो सके।

शैलेंद्र चौहान ने किया पलटवार

इस मौके पर मेयर और डिप्टी मेयर ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि टाऊन हाल निगम को ही मिलेगा। इस पर पार्षद शैलेंद्र चौहान ने पलटवार करते हुए कहा है कि मेयर साहिबा पर्यटन विभाग ने टाऊन हाल का उद्घाटन करवा लिया है, अब भी आपको समझ नहीं आ रहा कि टाऊन हाल किसे मिलेगा। अगर मैं आपकी जगह होता है तो ऐसा नहीं होने देता। टाऊन हाल मामले को लेकर सभी पार्षदों के सुझाव को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा, इसके बाद सरकार कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।

Vijay