हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पैंशन के लिए गिनी जाएगी अनुबंध पर दी गई सेवा

Thursday, Dec 26, 2019 - 11:01 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): अनुबंध पर दी गई सेवा पैंशन के लिए गिनी जाएगी। यह निर्णय न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश चंद्रभूसन बारोवालिया की खंडपीठ ने आयुर्वैदिक डाक्टर की विधवा शीला देवी द्वारा पारिवारिक पैंशन के लिए दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी के पति को वर्ष 1999 में आयुर्वैदिक डाक्टर के पद पर अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था। वर्ष 2009 को उसकी सेवाओं को नियमित कर दिया गया था। 23 जनवरी, 2011 को प्रार्थी के पति का देहांत हो गया था।

प्रार्थी की ओर से राज्य सरकार के समक्ष पैंशन के लिए आवेदन दिया गया था, जिसे राज्य सरकार की ओर से यह कहकर रद्द कर दिया गया था कि प्रार्थी के पति को अनुबंध के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई थी और अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं को पैंशन के लिए नहीं गिना जा सकता। खंडपीठ ने प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न मामलों में दिए गए फैसलों का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि प्रार्थी का पैंशन दिए जाने के लिए दायर किया गया मामला जायज है।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जीवन के खुशहाली के दिनों में कम सैलरी पर अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं से राज्य सरकार को ही लाभ हुआ है। इस दौरान दी गई सेवाओं को पैंशन के लिए न गिना जाना राज्य सरकार के अनुचित व्यापारिक व्यवहार को दर्शाता है, जिसकी कानून अनुमति प्रदान नहीं करता है। न्यायालय ने प्रार्थी के पति द्वारा अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं को पैंशन के लिए न्यायसंगत पाते हुए राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए कि वह प्रार्थी द्वारा दाखिल की गई याचिका के 3 वर्ष पहले से पैंशन की अदायगी करे।

Vijay