IIT मंडी और LUH जर्मनी के बीच MOU साइन, इस क्षेत्र में भारत को होगा लाभ

Tuesday, Jan 08, 2019 - 02:29 PM (IST)

मंडी (ब्यूरो): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (आई.आई.टी.) और लिबनीज यूनिवर्सिटैट हैनोवर (एल.यू.एच.) जर्मनी ने सोमवार को एक एम.ओ.यू. साइन किया। इस करार पर आई.आई.टी. मंडी के निदेशक प्रो. टिमोथी ए. गोंजाल्विस और लिबनीज यूनिवर्सिटैट हैनोवर (एल.यू.एच.) जर्मनी के प्रैजीडैंट प्रो. डा. अयूर. वोकर एपिंग ने हस्ताक्षर किए। इस करार का मकसद संयुक्त शोध प्रयासों और शैक्षिक सामग्रियों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे को लाभ पहुंचाना है। इससे दोनों संस्थानों के बीच विद्यार्थियों और प्रशासनिक कार्मिकों के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त होगा। 

करार के तहत दोनों संस्थान आने वाले समय में सांझा शिक्षा और शोध परियोजनाओं का विकास करेंगे, वहीं आगंतुक वैज्ञानिकों को कार्य के लिए उपयुक्त स्थान के साथ सहायक उपकरण भी दिए जाएंगे। विद्यार्थियों का नामांकन उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुसार किया जाएगा और एक-दूसरे के लिए मान्य पाठ्यक्रम का विकास किया जाएगा और मेजबान संस्थान उनके शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण में सहयोग देंगे। दोनों संस्थानों के बीच यह करार 5 वर्षों का होगा जिसके नवीकरण का प्रावधान भी किया गया है।

आदान-प्रदान यात्रा के लिए 1.42 करोड़ का कोष

जर्मनी के विभिन्न संस्थानों के साथ मौजूदा सहयोगों को बढ़ावा देने के लिए आई.आई.टी. मंडी पहले ही कई कार्य कर चुका है। हाल ही में आई.आई.टी. मंडी के टिमोथी ए. गोंजाल्विस, डा. दीपक स्वामी, डा. सुमन कल्याण पाल, डा. जसप्रीत कौर रंधावा, डा. बिंदु राधामणि और डा. भरत सिंह राजपुरोहित की 6 सदस्यों की एक टीम ने अगले स्तर के अनुसंधान सहयोग पर केंद्रित एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए जर्मनी के हैनोवर स्थित लिबनीज यूनिवर्सिटैट का दौरा किया। आई.आई.टी. मंडी के शिक्षकों की टीयू9 (जर्मनी में प्रौद्योगिकी के अग्रणी विश्वविद्यालयों का एक संघ) संस्थानों की आदान-प्रदान यात्रा के लिए 1.42 करोड़ रुपए के एक कोष का निर्धारण कर चुका है। शिक्षा और शोध में सहयोग को बढ़ावा तथा जर्मन भाषा की बुनियादी व उच्च स्तरीय शिक्षा देने के लिए धारा प्रवाह जर्मन भाषा बोलने वाले जर्मन मूल के शिक्षक आई.आई.टी. मंडी में कार्यरत हैं।

Ekta