बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के विरोध में फिर उतरी जनता

Sunday, Dec 02, 2018 - 11:41 AM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): सुंदरनगर व नाचन व बल्ह की जनता भी बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के विरोध में उतार आई है। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के बैनर तले पहले ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। तदोपरांत प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को एसडीएम राहुल चौहान के माध्यम से ज्ञापन पत्र भेजा। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के मंडलीय अध्यक्ष हलीम अंसारी ने कहा कि मिनी पंजाब के नाम से जाना जाने वाला बल्ह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कृषि क्षेत्र रहा है। आजादी से पहले यहां जो जमीने थीं। वह राजा द्वारा स्थापित सामन्तों के पास थी। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद 1966-67 में किए गए भूमि सुधारों के चलते जमीन पर किसानों का मालिकाना हक हुआ।

सोलन जिला के बाद टमाटर उत्पादन में दूसरे नंबर पर बल्ह 

उन्होंने कहा कि पहले पारंपरिक खेती की जाती थी। परंतु अब नकदी फसलें उगाई जा रही हैं। जिसमें सब्जी उत्पादन है। उन्होंंने यह भी बताया कि टमाटर उत्पादन में सोलन जिला के बाद हिमाचल में दूसरा नंबर बल्ह का है। इस अवसर पर हिमाचल किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष परस राम ने कहा कि जो प्रस्तावित हवाई अड्डा है। उसमें स्थानीय निवासी करीब 2000 परिवार हैं। जिनकी आबादी 10000 से अधिक है और करीब 2000 प्रवासी मजदूर इस क्षेत्र में नगदी फसलों को उगाने में मजदूरी करते हैं। जो बिहार, झारखंड तथा उतरप्रदेश से आते हैं। परसराम ने कहा कि 12000 से अधिक आबादी यदि हवाई अड्डा बनाया जाता है तो रोजगार विहीन हो जाएगी। 

11 गांव की 3500 बीघा जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित

यहां जमींन के नीचे 10-12 फुट पर पानी उपलब्ध है और अति आधुनिक सिंचाई सुविधा का प्रावधान उपलब्ध है जिसके चलते किसान मल्टीपल फसलें ले पाते हैं। परस राम ने कहा कि अभी प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए 11 गांव की 3500 बीघा जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित है। जिसमें 3040 बीघा निजी भूमि है और 460 बीघा सरकारी भूमि है। परस राम ने कहा कि 2013 के मुताविक खाद्य सुरक्षा को खत्म नहीं किया जा सकता और मल्टीपल क्रॉप्स वाली जमींन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। संसद द्वारा पारित इस कानून का भी उल्लंघन होगा। 

Ekta