कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज, नेता प्रतिपक्ष के नाम पर लगेगी मोहर

Thursday, Jan 04, 2018 - 12:51 AM (IST)

शिमला: हिमाचल कांग्रेस विधायक दल के नेता का चयन वीरवार को कर लिया जाएगा। कांग्रेस हाईकमान ऐसे चेहरे को यह कमान सौंपेगा, जिससे विधायक दल में गुट नहीं बल्कि एकजुटता दिखे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वीरवार दोपहर 2 बजे होगी। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे मुख्य रूप से मौजूद रहेंगे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 21 विधायक जीतकर आए हैं। इनमें 17 विधायक पहले ही वीरभद्र सिंह को विधायक दल का नेता चुने जाने की पैरवी कर चुके हैं। इस संबंध में एक हस्ताक्षरित पत्र भी 17 विधायकों ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे को दिया है।

3 विधायकों ने नहीं किए हैं पत्र में साइन
कांग्रेस के केवल 3 विधायक ऐसे हंै, जिन्होंने इस पत्र में साइन नहीं किए हैं। देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, वरिष्ठ विधायक मुकेश अग्रिहोत्री व ठाकुर राम लाल और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू में से किसी एक नेता को यह कमान सौंपी जानी तय है। सूत्रों की मानें तो पार्टी में वीरभद्र विरोधी खेमा कांग्रेस विधायक दल की कमान युवा चेहरे का सौंपे जाने की वकालत कर रहा है। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस हाईकमान वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए वीरभद्र सिंह को ही नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकता है। वीरभद्र सिंह कांग्रेस के जीत कर आए विधायकों में सबसे अनुभवी और वरिष्ठ हंै।

पूरा अनुभव रखने वाले को चुना जाए विधायक दल का नेता : विक्रमादित्य
युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है और उसमें वे भी अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि विधायक दल का नेता उसे चुना जाना चाहिए, जो पूरा अनुभव रखता हो और कम से कम 3 या 4 बार जीत कर विधानसभा पहुंचा हो। उन्होंने कहा कि इस बारे हाईकमान को ही अंतिम निर्णय लेना है और जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह सभी को मान्य होगा।

राहुल का फार्मूला चला तो बिगड़ेंगे वीरभद्र के समीकरण
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संगठन में युवा नेताओं को आगे लाने की सोच रही है। ऐसे में यदि यह फार्मूला यहां भी अपनाया जाता है तो पूर्व सी.एम. वीरभद्र सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने के समीकरण बिगड़ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इस स्थिति में वीरभद्र सिंह वरिष्ठ विधायक मुकेश अग्रिहोत्री या ठाकुर राम लाल में से एक के नाम की पैरवी नेता प्रतिपक्ष के लिए कर सकते हंै। भले ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष स्वयं को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल नहीं बता रहे लेकिन सूत्रों की मानें तो अंदरखाते सुक्खू खेमा भी खासा सक्रिय है।