20 साल से सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षक नहीं हुए पक्के

Friday, Apr 12, 2019 - 12:24 PM (IST)

शिमला (प्रीति मुकुल): भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने प्रदेश में कई बार अपने कार्यकाल के दौरान निजी स्कूल व कॉलेजों का स्टाफ सहित अधिग्रहण किया। इन स्कूल-कॉलेजों के शिक्षक व गैर-शिक्षक स्टाफ की सेवाओं को सरकारी क्षेत्र में शामिल किया, लेकिन प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 20 वर्षों से सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षकों को इन सरकारों ने आज तक नियमित नहीं किया है। ये शिक्षक 2 दशक से न्यूनतम वेतन पर कंपनी के अंतर्गत सेवाएं दे रहे हैं। सरकार ने न ही इन्हें अनुबंध पर लाने की योजना बनाई है और न ही इनके वेतन में पर्याप्त बढ़ौतरी की, जबकि इन शिक्षकों से स्कूलों में नियमित शिक्षकों की तर्ज पर काम लिया जाता है। 

भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने इन शिक्षकों का शोषण ही किया है। चुनाव आने पर दोनों पार्टियों ने शिक्षकों को अनुबंध पर लाने के कई बार प्रलोभन दिए, लेकिन आज तक इन शिक्षकों को राहत नहीं दी गई है। दोनों राजनीतिक पार्टियों ने शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन ही दिए। शिक्षकों की मानें तो इस बार भी भाजपा सरकार ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि आने वाले दिनों में सरकार शिक्षकों के लिए बेहतर पॉलिसी लाएगी। गौर हो कि इस समय प्रदेश में 1381 कंप्यूटर शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

1998 में स्कूलों में शुरू की थी कंप्यूटर शिक्षा

प्रदेश में वर्ष 1998 से स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा शुरू की गई थी। शुरूआती दौर में सरकार ने 100 स्कूलों में यह विषय शुरू किया। इसके बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड ने वर्ष 2001 में स्कूलों में यह विषय अनिवार्य किया। इस दौरान 236 स्कूलों को इसमें और शामिल किया। इस दौरान सरकार ने ये सेवाएं कंपनी के तहत शुरू कीं और कम्प्यूटर शिक्षकों को कं पनी में शामिल किया। वर्ष 2002 में सरकार ने ई.सी.आई.एल. कंपनी को यह जिम्मा सौंपा। इसके बाद वर्ष 2004-05 में डी.ओ.ई.ए.सी. को यह टैंडर दिया। इसके बाद नायलेट को यह कार्य दिया। अभी तक ये शिक्षक नायलेट के तहत ही स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

कांग्रेस कार्यकाल में बढ़ाई गई सैलरी

पूर्व कांग्रेस कार्यकाल में इन शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की गई। इस नए स्लैब के मुताबिक 5 साल का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को 10 हजार, 5 से 10 साल का अनुभव होने पर 12,500 और 10 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले कम्प्यूटर शिक्षकों को 15000 रुपए प्रति माह वेतन दिया गया है। अभी भी इन शिक्षकों को यही वेतन दिया जा रहा है। हालांकि शिक्षकों को 2 और 3 माह के बाद ही वेतन जारी किया जाता है।

Ekta