मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सद्बुद्धि के लिए 7 दिसंबर को हवन पाठ करवाएगा करुणामूलक संघ

Monday, Dec 06, 2021 - 01:49 PM (IST)

शिमला (योगराज) : हिमाचल प्रदेश करूणामुलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार व मुख्य सलाहकार शशि पाल मीडिया प्रभारी गगन कुमार का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सद्बुद्धि देने के लिए करुणामूलक संघ 7 दिसंबर को हवन पाठ करवा रहा है। भगवान सरकार को सद्बुद्धि दे और इन करुणामूलक आश्रित परिवारों के बारे में सरकार कोई सकारात्मक निर्णय लें और आने वाली आगामी कैबिनेट में राहत प्रदान करें। क्योंकि यह परिवार लगभग 131 दिनों से शांतिप्रिय आंदोलन कर रहे हैं और क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अगर वर्तमान सरकार आगामी कैबिनेट में इन परिवारों के हित में फैसला नहीं लेती तो उग्र आंदोलन होगा, जिसमें सारी जवाबदेही वर्तमान सरकार की होगी। इन पीड़ित परिवारों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना किसान बिल वापस ले सकते हैं तो हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इन करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला क्यों नहीं ले रहे।

हमने अपने परिवार का सदस्य खोया है, जयराम मंत्रिमंडल सोया है। यह कहावत वर्तमान सरकार पर ठीक बैठती है क्योंकि वर्तमान सरकार के अड़ियल रवैये के कारण आज करुणामूलक परिवार 131 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनकी तरफ नहीं देख रही। एक तो इन परिवारों ने अपने घर का सदस्य खोया है ऊपर से इन परिवारों पर सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही। इन परिवारों का कहना है कि हमारा कसूर क्या अगर देश के अन्य राज्य करुणा और मृत्यु की  वरिष्ठता के आधार पर 3 या 6 महीने के अंदर नौकरी दे सकते हैं तो प्रदेश सरकार क्यों नहीं। करुणामूलक परिवारों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों और पॉलिसी के कारण यह परिवार 15 से 20 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, परंतु सरकार अभी भी इनकी सुध नहीं ले रही और अपने चहेतों को नौकरियां दे रही है।

सरकार की अपनी मनमानी के कारण अब यह परिवार सड़कों पर उतर आए हैं और उनका कहना है कि या वर्तमान सरकार हमें नौकरी दे अन्यथा हम इसी तरह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे चाहे हमें मरना भी पड़े हम नहीं उठेंगे। करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि लगभग 131 दिनों से यह करुणामूलक परिवार कालीबाड़ी मंदिर के पास एक वर्षा शालिका में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनके प्रति उदासीन है सरकार इन के हक में कोई फैसला नहीं ले पा रही है। संघ के अध्यक्ष का कहना है अगर सरकार अभी भी इन करुणामूलक परिवारों के हित में कोई फैसला नहीं लेगी तो अब यह परिवार चुप नहीं बैठेंगे और आने वाले टाइम पर उग्र आंदोलन करेंगे। 

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नही ले पाई है जबकि सरकार के पास विभिन्न  विभागों में 4500 से ज्यादा मामले है। प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर दर की ठोंकरें खाने को मजबूर है। हिमाचल इस तरह के सैंकड़ों मामले है, 15 साल बीत जाने के बाद भी आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पाई है हर रोज कार्यालयों के चक्कर लगा रहे, लेकिन आश्वासनों के सिवाय आज दिन तक कुछ हाथ नहीं लगा है। 

मुख्य मांगे :- 

1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केसों को जो 7 मार्च 2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटलमेंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं।
2) करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संशोधन किया जाए व उसमें 62500 रूपए एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए व 5 प्रतिशत कोटा की शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तौर पर नियुक्तियां दे सके।
3) योग्यता  के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणियों में नौकरी दी जाए।
4) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए।
5) जिनके कोर्ट केस बहाल हो गए हैं उन्हें भी नियुक्तियां दी जाए। 

बता दें कि करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामला दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा हैं पर अभी तक सरकार अपना रवैया स्पष्ट नहीं कर पायी है। जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में करुणामूलक के लंबित करीब 4500 से ज्यादा मामले पहुंचे हैं और प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
 

Content Writer

prashant sharma