करुणामूलक संघ शिवरात्रि के दिन करेगा सुरेश भारद्वाज के लिए सद्बुद्धि हवन
Sunday, Feb 27, 2022 - 05:31 PM (IST)
शिमला : आज करुणामूलक संघ की बैठक गूगल मीट के माध्यम से हुई। ये मीटिंग प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई जिसमे मुख्य सलाहकार शशि पाल, मीडिया प्रभारी गगन कुमार, आई टी सेल अधिकारी गुलशन कुमार मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश करूणामुलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है देवों की भूमि हिमाचल में शिवरात्रि के महात्योहार पर हिमाचल सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए हवन पाठ करवाएगा। यह हवन विशेष तौर पर जयराम सरकार के चाणक्य माने जाने वाले शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए रखा गया है। संघ के अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि आने वाले हर एक सप्ताह में जयराम सरकार के हर एक मंत्री के लिए सद्बुद्धि हवन रखा जाएगा। भगवान वर्तमान सरकार को सद्बुद्धि दे और इन करुणामूलक आश्रित परिवारों के बारे में सरकार कोई सकारात्मक फैसला ले।
आज करुणामूलक परिवारो को 213 दिन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हो गए परंतु सरकार इनकी तरफ कोई फैसला नहीं ले पा रही है। अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि हम इसी तरह भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे चाहे हमें मरना भी पड़े हम नहीं उठेंगे। अजय कुमार का कहना है कि लगभग 213 दिनों से यह करुणामूलक परिवार कालीबाड़ी मंदिर के पास एक वर्षा शालिका में इतनी वर्षा और बर्फबारी में भी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनके प्रति उदासीन है। सरकार के झूठे आश्वासनों के कारण यह परिवार दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गए हैं परंतु सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रही। उनका कहना है अगर सरकार अभी भी इन करुणामूलक परिवारों के हित में कोई फैसला नहीं लेगी तो अब यह परिवार चुप नहीं बैठेंगे और आने वाले टाइम पर उग्र आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में 4500 से ज्यादा मामले है। प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहें है। उन्होंने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर दर की ठोंकरें खाने को मजबुर है। हिमाचल इस तरह के सेंकड़ों मामले है। 15 साल बीत जाने के बाद भी आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पाई है हर रोज कार्यालयों के चक्कर लगा रहे लेकिन आश्वासनों के सिवाय आज दिन तक कुछ हाथ नही लगा है। करूणामुलक आश्रितों का कहना है कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी नहीं करता है इनके परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। करूणामुलक नौकरियों पर सरकार उचित फैसला लें। बता दें कि करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामला दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा हैं पर अभी तक सरकार अपना रवैया स्पष्ट नही कर पायी है। जवकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में करुणामूलक के लंबित करीब 4500 से ज्यादा मामले पहुंचे हैं और प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।