मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर गरजे करुणामूलक आश्रित, सरकार को दी चे चेतावनी

Thursday, Mar 04, 2021 - 08:30 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल के हजारों करुणामूलक आश्रितों ने मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा सत्र के दौरान वीरवार को करुणामूलक भर्ती व अन्य लाभ दिए जाने की मांग को लेकर करुणामूलक संघ ने करुणामूलक आश्रितों को जल्द नौकरी देने की मांग की। वहीं सरकार को चेताया कि यदि 1 माह के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो करुणामूलक आश्रित अपने परिवार के साथ शिमला में अनशन पर बैठेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती।

वीरवार को करुणामूलक आश्रितों ने विधानसभा के बाहर मांगें पूरी न करने को लेकर नारेबाजी की और विधानसभा गेट के बाहर चौड़ा मार्ग पर ही बैठकर धरना-प्रदर्शन किया, वहीं आश्रितों ने अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नौकरियों में आय सीमा को हटाने की मांग की है, साथ ही वन टाइम सैटलमैंट के माध्यम से विभिन्न विभागों में लंबित करुणामूलक के मामलों का जल्द निपटारा करने और 5 फीसदी कोटे की शर्त हटाए जाने की मांग भी उठाई। इस मौके पर करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि आश्रित लंबे अरसे से करुणामूलक आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष कई बार यह मामला उठाया गया है।

मुख्यमंत्री से भी मिले करुणामूलक संघ के पदाधिकारी

विधानसभा परिसर के बाहर प्रदर्शन के बाद करुणामूलक संघ के पदाधिकारी विधानसभा में जयराम ठाकुर से भी मिले और उन्हें अपनी मांगों के बारे में बताया और मांग पत्र सौंपा। इस पर मुख्यमंत्री ने संघ को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को विचार-विमर्श के बाद जल्द पूरा किया जाएगा।

ये हैं मुख्य मांगें

  • समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केसों को जो 7-03-2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं, उनको वन टाइम सैटलमैंट के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं।
  • करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संशोधन किया जाए व उसमें 62,500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटाया जाए।
  • योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणियों में नौकरी दी जाए।
  • 5 प्रतिशत कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तौर पर नियुक्तियां दे सके।
  • जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है, इस शर्त को भी हटाया जाए।

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Vijay