फिर उठी कॉलेज प्राध्यापकों की PHD व M.Phil की इन्क्रीमैंट बहाल करने की मांग

Thursday, Oct 24, 2019 - 01:27 PM (IST)

शिमला (प्रीति): प्रदेश कालेज प्राध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार से एक बार फिर कालेज प्राध्यापकों की पीएच.डी. व एम.फिल. की इंक्रीमैंट बहाल करने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने वर्ष 2014 में कालेज प्राध्यापकों की पीएच.डी. व एम.फिल. की इंक्रीमैंट बंद की थी। इससे पूर्व उक्त प्राध्यापकों को ये इंक्रीमैंट दी जाती है। इसके अलावा संघ ने सरकार ने कालेजों में प्रोफैसर के नए पद देने की मांग भी की है। हाल ही में इस मामले पर संघ के पदाधिकारियों ने प्रधान सचिव शिक्षा के साथ बैठक की। 

बैठक में संघ ने उक्त दोनों मांगों को जोर-शोर से उठाया। संघ के महासचिव डा. राम लाल ने बताया कि बैठक में प्रधान सचिव के समक्ष कालेज प्राध्यापकों के कई लंबित मामले उठाए गए। इसमें कालेजों में प्रोफैसर के नए पद देने की मांग मुख्य तौर पर उठाई गई। इस दौरान उन्हें अवगत करवाया कि इससे सरकार पर अधिक वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। एसोसिएट प्रोफैसर से प्रोफैसर पद पर पदोन्नति मिलने से केवल ग्रेड-पे में मामूली बढ़ौतरी होगी। इस दौरान प्रदेश में लगभग 70 एसोसिएट प्रोफैसर इसके लिए पात्र होंगे। शिक्षकों का पक्ष सुनने के बाद प्रधान सचिव शिक्षा ने शिक्षकों की इस मांग पर विचार-विमर्श करने का आश्वासन दिया है। डा. राम लाल ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में कालेजों में 138 पद प्रोफैसर के दिए हैं। 

कॉलेजों में शिक्षकों की कमी का मामला भी उठाया 

इस दौरान कालेजों में शिक्षकों की कमी का मामला भी उठाया गया। प्रदेश के 138 कालेजों में इस समय 1700 शिक्षक हैं, जबकि यू.जी.सी. नियमों के तहत उक्त कालेजों में लगभग 3100 शिक्षक होने चाहिए। इन नियमों के अनुसार 40 छात्रों पर एक शिक्षक अनिवार्य है, लेकिन हिमाचल में इन नियमों के तहत कालेजों में शिक्षक नहीं हैं। इससे कालेजों में शिक्षकों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ है।

Ekta