CM वीरभद्र बोले, हिमाचल प्रधानमंत्री के सामने रखेगा स्वां तटीकरण मामला

Thursday, May 25, 2017 - 11:06 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को स्वां नदी तटीकरण प्राधिकरण की शासकीय निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ऊना जिले की स्वां नदी तटीकरण परियोजना के लिए केंद्रीय सहायता में देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कांगड़ा जिला की छोंछ नदी पर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश भी दिए ताकि बाढ़ के दौरान अवैध खनन से क्षेत्र में जानमाल को कोई खतरा पैदा न हो। बता दें किकस्वां तटबंध की कुल लम्बाई लगभग 387.6 किलोमीटर है और 7164 हैक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया जाना है। अभी तक केवल 162.36 किलोमीटर तटबंधों का निर्माण व 2884 हैक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया गया है।

अधिकारियों को दिए पत्र लिखने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा स्वां नदी की सभी सहायक नदियों के तटीकरण के लिए 922.485 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी थी। परियोजना का वित्त पोषण 70:30 रेशो के तहत होना था और समझौते के अनुसार केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा परियोजना का 70 प्रतिशत जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 30 प्रतिशत धनराशि वहन करनी थी। उन्होंने कहा कि धनराशि न मिलने के कारण स्वां नदी पर यदि तटबंध न किया गया तो पहले पूर्ण किए गए कार्यों को बाढ़ से नुक्सान होगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री को सभी जानकारी और समझौते के तहत जारी केंद्रीय भागीदारी के संदर्भ में पत्र लिखने के निर्देश दिए।

प्रथम वर्ष में परियोजना की लागत 330 करोड़ रुपए
प्रथम वर्ष में परियोजना की लागत 330 करोड़ रुपए थी, जिसमें से प्रदेश सरकार द्वारा 99 करोड़ रुपए का योगदान देना था जबकि शेष 231 करोड़ रुपए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा दिए जाने थे। वर्ष 2013-14 में 5.551 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता जारी की गई। वर्ष 2014-15 में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा परियोजना के लिए 107 करोड़ रुपए जारी किए गए जबकि वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में केन्द्र सरकार द्वारा क्रमश: 26 तथा 50 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इस प्रकार परियोजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा कुल 189.351 रुपए जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने मार्च 2017 तक नाबार्ड से ऋ ण लेकर तथा अपने संसाधनों से 276 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 

प्रदेश सरकार का परियोजना में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब जब स्वां नदी की 24 सहायक नदियों का कार्य जारी है, जिसको पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे चुकी है और केंद्र सरकार से हिस्सा जारी करने के लिए अगस्त, 2015 से 11 बार पत्राचार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय को इस बारे 2 बार पत्र लिखा। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य सचिव स्तर पर 8 बार पत्राचार किया जा चुका है।

समझौते से पीछे हट रही केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समझौते से पीछे हट रही है और तर्क दे रही है कि बाढ़ नियंत्रण के तहत 14वें वित्त आयोग की सिफ ारिशों के अनुसार प्रदेश सरकार को अपने संसाधनों से प्रबंध करना होगा। बैठक में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण श्रीधर और अरविन्द मेहता, प्रधान सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य अनुराधा ठाकुर व संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।