केंद्रीय बजट आंकड़ों का मायाजाल, बेरोजगारी-महंगाई से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं : सुक्खू

Wednesday, Feb 01, 2023 - 09:23 PM (IST)

शिमला (राक्टा): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में प्रस्तुत किया गया वार्षिक बजट 2023-24 निराशाजनक व आम जनता की आशाओं के विपरीत है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। उन्होंने केंद्रीय बजट को आंकड़ों का मायाजाल करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बजट में समाज के सभी वर्गों विशेषकर मध्यम वर्ग, गरीब, युवा और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। बजट में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। सीएम ने कहा कि देश और प्रदेश की जनता को आज भी केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनावों से पूर्व अच्छे दिनों के वायदे के पूर्ण होने का इंतजार है। बजट में रोजगार सृजन की दिशा में कोई भी प्रावधान नहीं है और शहरी रोजगार का कहीं भी जिक्र नहीं है। किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि के अलावा कुछ नहीं है। मनरेगा में भी कोई अतिरिक्त प्रावधान नहीं किया गया है। इस बजट में प्रदेश में रेल और राष्ट्रीय राज मार्गों के विस्तार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सीएम ने कहा कि कर्ज के बोझ से जूझ रहे राज्यों के लिए बजट में कोई भी विशेष छूट नहीं है। हिमाचल ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्य भी कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में छोटे पहाड़ी राज्यों के लिए जून, 2022 से समाप्त जीएसटी प्रतिपूर्ति को फिर से शुरू करने के लिए भी कुछ नहीं कहा गया है, जिसकी प्रदेश के लोगों को काफी उम्मीद थी और न ही बजट में किसी अन्य माध्यम से वित्त पोषण की बात कही गई है। 

प्रदेश के लोगों को एक बार फिर मायूस किया : प्रतिभा सिंह
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बजट से न तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी और न ही विकास दर हासिल होगी। यह पूरी तरह दिशाहीन है, जिससे देश में बेरोजगारी व महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट को कम से कम 12 लाख तक किया जाना चाहिए था। प्रतिभा सिंह ने कहा कि बजट में कृषि व बागवानी क्षेत्र की पूरी तरह अनदेखी की गई है। हिमाचल में रेलवे के विकास की किसी भी योजना का प्रस्ताव नहीं है, जो बहुत ही दुखदाई है। इस बजट ने एक बार फिर से प्रदेश के लोगों को मायूस किया है।

केंद्रीय बजट दिशाहीन एवं रोजगार विरोधी : नरेश चौहान
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने केंद्रीय बजट को दिशाहीन एवं रोजगार विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष को देखते हुए केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि युवाओं और बेरोजगारों के लिए रोजगार नीति की घोषणा होती, लेकिन इस बजट ने हर वर्ग को निराश किया है। मीडिया सलाहकार ने कहा कि वास्तव में महंगाई और बेरोजगारी से आम आदमी त्रस्त है और बजट में इस दिशा में कोई विशेष प्रयास नहीं किए गए हैं।

केंद्रीय बजट से हिमाचल के बागवानों को निराशा : हरीश चौहान
केंद्रीय बजट से हिमाचल के किसानों व बागवानों को निराशा हाथ लगी है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि केंद्रीय बजट से हिमाचल के बागवानों को निराशा मिली है। बागवानों की प्रमुख मांग काे पूरा नहीं किया गया है। बागवान व किसान लगातार पैकेजिंग सामग्री, फफूंदनाशकों, कीटनाशकों, खाद व कृषि में उपयोग होने वाले उपकरणों तथा ड्रिप व पॉलीहाऊस में उपयोग होने वाली वस्तुओं पर जीएसटी में छूट की मांग कर रहे हैं, साथ ही यदि सेब पर आयात शुल्क लगाया जाए लेकिन ये मांगें केंद्र ने पूरी नहीं की हैं। उन्होंने कहा कि बागवानी के लिए 2200 करोड़ का प्रावधान एक रूटीन प्रक्रिया है। पिछले बजट में यह 2200 करोड़, 2022-23 में 1900 तथा 2021-22 में यह 1594 करोड़ रुपए था। इसका आज तक बागवानी मिशन के लिए कोई फायदा नहीं मिला है। उन्होंने मोटे अनाज के लिए अन्न श्री योजना की शुरूआत व डिजिटल अधोसंरचना का स्वागत किया। 

स्वास्थ्य, शिक्षा व मनरेगा का बजट हुआ कम : संजय चौहान
पूर्व महापौर एवं माकपा व किसान नेता संजय चौहान ने कहा कि केंद्रीय बजट में हिमाचल को कुछ नहीं दिया है। विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है तथा बेरोजगारों की भी पूरी तरह से अनदेखी की गई है। केंद्र से राज्य को जो मिलता था, उसमें भी 42000 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने स्वास्थ्य, शिक्षा व मनरेगा के बजट को कम किया है। ऐसे में देश में आम आदमी महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त है। जीएसटी में छूट व आयात शुल्क की मांग भी पूरी नहीं हुई है।

राहत देने के स्थान पर किसानों को ऋण की पेशकश : डाॅ. तंवर
किसान सभा ने केंद्रीय बजट 2023 को किसानों व आम जनता का विरोधी करार दिया। हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि केंद्रीय बजट में आम जनता और ग्रामीण गरीब के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया है। उर्वरक और खाद्य सबसिडी में भी सरकार ने कटौती की है। बजट में किसानों को राहत देने की बजाय उन्हें केवल ऋण देने की पेशकश की है जबकि कर्ज के कारण हर साल हजारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। डाॅ. तंवर ने कहा कि हिमाचल के किसानों को बजट से निराशा हाथ लगी है। 

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Content Writer

Vijay