Himachal: सीएम सुक्खू का कड़ा एक्शन, नशे के कारोबार में संलिप्त सरकारी कर्मचारी होंगे नौकरी से बर्खास्त
punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 04:39 PM (IST)
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शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नशे के खिलाफ राज्यव्यापी जंग का ऐलान करते हुए पुलिस विभाग को आगामी 6 माह में मिशन मोड में नशे के नैटवर्क को जड़ से खत्म करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशा कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई प्रभावशाली व्यक्ति ही क्यों न हो। मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नशा तस्करी में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन कर्मचारियों पर नशा तस्करी के ठोस प्रमाण मिलेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, साथ ही राज्य में पीआईटी-एनडीपीएस (स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ रोकथाम अधिनियम) को प्रभावी रूप से लागू करने पर जोर दिया।
बैंक खातों की होगी जांच, संपत्तियां होंगी जब्त
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि नशा तस्करों और उनके सहयोगियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी। उन्होंने पुलिस विभाग को संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों की गहन जांच के निर्देश दिए और सभी एनडीपीएस मामलों की विस्तृत समीक्षा कर तस्करी के पूरे नैटवर्क को खत्म करने के लिए फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करने को कहा।
स्पैशल टास्क फोर्स और पंचायत स्तर पर होगी सख्त निगरानी
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही नशा तस्करों और पीड़ितों की पहचान के लिए पंचायत स्तर पर मैपिंग की जाएगी और 15 मार्च, 2025 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों और नंबरदारों को भी इस अभियान से जोड़ने का फैसला लिया।
साइकोट्रोपिक दवाओं की अवैध बिक्री पर फार्मा कंपनियों के लाइसैंस होंगे रद्द
राज्य में साइकोट्रोपिक दवाओं की अवैध बिक्री को लेकर फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसने की घोषणा भी की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कंपनियों के लाइसैंस न केवल रद्द किए जाएंगे, बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी। इन कंपनियों को भविष्य में लाइसैंस नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बजट सत्र में पेश होगा एंटी ड्रग एक्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आगामी बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग एक्ट पेश करेगी, जिससे नशा पीड़ितों और तस्करों के बीच स्पष्ट अंतर किया जाएगा, साथ ही सिरमौर जिले के कोटला बेहड़ में अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र की स्थापना की जा रही है, जहां नशा पीड़ितों का समुचित उपचार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल उनकी प्राथमिकता है और वह स्वयं इस अभियान की निगरानी करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि नशे के खिलाफ अभियान में ढील बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
ये रहे बैठक में मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत तथा ओंकार चंद शर्मा, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, महानिदेशक (सीआईडी) एसआर ओझा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव आशीष सिंघमार व राजेश शर्मा, राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. यूनुस तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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