CM जयराम बोले-पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बने अलग ट्रांसमिशन नीति

Thursday, Nov 29, 2018 - 10:58 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि रोहतांग टनल बिजली की ट्रांसमिशन लाइन निकालने का बेहतर विकल्प हो सकती थी लेकिन इसका निर्माण कार्य करते समय ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व योजना में ऐसी कमी रहने से भविष्य में इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं। मुख्यमंत्री यहां केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा बोर्ड तथा सी.आई.जी.आर.ई. इंडिया की तरफ से हिमाचल प्रदेश ऊर्जा संचरण निगम सीमित के संयुक्त तत्वावधान में पर्वतीय क्षेत्र में ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण में चुनौतियां विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पर्वतीय राज्यों के लिए अलग ट्रांसमिशन नीति की वकालत भी की।

देश में तेजी के साथ विकसित हो रहा ऊर्जा क्षेत्र

उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अलग से लागत प्रभावी तथा विश्वसनीय ऊर्जा संचरण एवं वितरण प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है, जो उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि देश में ऊर्जा क्षेत्र तेजी के साथ विकसित हो रहा है तथा सम्मेलन नवीनतम तकनीकों पर खुली परिचर्चा तथा सूचना के आदान-प्रदान के लिए मंच प्रदान करेगा, जो ऊर्जा क्षेत्र में हो रही उन्नति के अनुरूप नवाचारों तथा नवीनतम ज्ञान हासिल करने के लिए पेशेवरों के लिए अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ढलानों का ठहराव, भू-स्खलन व ग्लेशियर जैसे मुद्दों का प्रभावी समाधान आवश्यक है।

पहाड़ी क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनें बिछाना कठिन

राज्य ऊर्जा संचरण निगम सीमित राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली को विकसित कर रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में ट्रांसमिशन लाइनें बिछाना मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा कठिन है, इसलिए उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, निर्बाध तथा लागत प्रभावी विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए विशेष कार्यनीति तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लगभग 10 हजार मैगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजना क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि ये सभी परियोजनाएं शीघ्र आरंभ की जा सकें। हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1988 में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका था। उन्होंने कहा कि पूरी हो चुकी जल विद्युत परियोजनाओं से प्रभावी विद्युत प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

वन वैली वन लाइन की वकालत

मुख्यमंत्री ने वन वैली वन लाइन की वकालत की। उन्होंने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं और उनका मानना है कि गांवों में सौर बिजली सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। बहुउद्देश्यीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में हिमाचल को देश का ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने राज्य में ऊर्जा उत्पादकों को अनेक प्रोत्साहन सुनिश्चित करने के लिए नई ऊर्जा नीति तैयार की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि राज्य ने अभी तक 10,500 मैगावाट विद्युत क्षमता का दोहन कर लिया है।

Vijay