CM जयराम बोले-हिमाचल में हथकरघा व हस्तशिल्प की ब्रांडिंग की आवश्यकता

Sunday, Feb 25, 2018 - 12:17 AM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य के हथकरघा, हस्तशिल्प, काश्त कला और लघु चित्रों जैसे उत्पादों को उनकी विशेषता के आधार पर उजागर करने तथा वैश्विक बाजार में उनकी ब्रांडिंग करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि चम्बा जिला का रुमाल, कुल्लू व किन्नौर ने शॉल, टोपी, हथकरघा व हस्तशिल्प, कांगड़ा की पेंटिंग ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए पारंपरिक व्यवसाय जारी रखने के इच्छुक युवाओं के कौशल को बढ़ाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कम समय में हासिल न किए जाने वाले व्यवसायों की बजाय ऐसे व्यवसायों और कौशलों पर ध्यान देने के लिए कहा, जिन्हें आसानी से पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की क्षमता बढ़ाने के लिए लघु व दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा युवाओं के लिए कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में कौशल प्रदान करने की काफी संभावना है।

कौशल विकास परियोजना पर दी प्रस्तुति
इस दौरान कौशल विकास परियोजना के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा ने कौशल विकास परियोजना पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य के 12 महाविद्यालयों में रिटेल, पर्यटन तथा आतिथ्य सत्कार में स्नात्तक स्तर के व्यावसायिक पाठ्यक्रम (बी. वोकेशनल) आरंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने अस्तित्व में आने के बाद भारत सरकार की 20 से अधिक क्षेत्र कौशल परिषदों तथा मुख्य औद्योगिक घरानों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, शिमला तथा सिरमौर 6 स्थानों पर 8 सैक्टरों में 13 रोजगार सूचियों में 1,080 प्रशिक्षुओं के लिए पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा कर लिया है।